गोंडा की जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि गोंडा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम कोडर गांव में मनाया गया, इस दौरान लोगों ने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया। कोडर महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली के रूप में विकसित किया जा रहा है।
प्रशिक्षक महेश ओझा ने कहा कि सुबह 4 बजे से महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली में योग की कक्षाएं होती हैं। कक्षाओं में आसपास के स्थानीय लोग शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि ने अपने महाभाष्य में अष्टांग योग का वर्णन किया है, उसी के तहत यहां पर योग का आयोजन किया गया।
स्थानीय निवासी रविशंकर ने बताया कि महर्षि पतंजलि पर्दे के पीछे से शिष्यों को उपदेश देते थे। एक बार एक छात्र ने पर्दा उठा दिया, ऐसे में महर्षि पतंजलि सर्पाकार होकर अदृष्य हो गए। उन्होंने योग के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि असाध्य रोग को भी योग के माध्यम से साधा जा सकता है और योग को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की।
बता दें कि अयोध्या से महज 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोंडा जिले के कोडर गांव में महर्षि पतंजलि का आश्रम है और आज भी महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली के सामने योग की कार्यशाला चलाई जाती है। यहां प्रतिदिन सुबह काफी संख्या में लोग आते हैं और योग सीख कर जाते हैं।
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