लखनऊ। BJP की उत्तर प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल विस्तार तो आज कर रही है, चुनावी प्रक्रिया शुरू होने में अब 4 महीने भी नहीं बचे हैं, ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की तरह राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में भी ओबीसी और दलित प्रमुखता से रहेंगे,कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ब्राह्मण चेहरा को बीजेपी मंत्रिमंडल में शामिल कर रही है, जिससे साफ हो गया है कि पिछड़ों और दलितों के साथ ब्राह्मण को मंत्रिपद देकर एक संदेश दिया जा रहा है,2022 के चुनाव से पहले इस विस्तार से बीजेपी अपनी गुणा-गणित फिट करेगी और इन नेताओं को अतिरिक्त जिम्मेदारी भी देगी, सूत्र बताते हैं कि 7 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।
जितिन प्रसाद की बात करें तो उन्होंने बंगाल चुनाव के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया था। बंगाल में वे कांग्रेस के महत्वपूर्ण सिपाही बन कर गए थे, लेकिन वापस लौटे तो भगवा रंग में रंगे हुए थे, इसका इनाम जितिन प्रसाद को मिल रहा है,यूपी में ब्राह्मणों को खुश करन की एक पहल भी है, पूर्व केंद्रीय मंत्री और यूपी कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद इससे पहले दो बार सांसद रहे हैं। दूसरा नाम जो चर्चा में है, वो संगीता बलवंत बिंद का है। वे गाजीपुर की सदर सीट से विधायक हैं और वो पिछड़ी जाति से आती हैं. संगीता 42 साल की हैं, जो पहली बार विधायक चुनी गई हैं.तीसरा नाम जो सबसे चर्चा में है, संजय गौड़ जो कि सोनभद्र जिले की ओबरा सीट से बीजेपी के विधायक हैं और अनुसूचित जनजाति समाज से आते हैं. संजय गौड़ 46 साल के हैं और पहली बार विधायक चुने गए हैं।
चौथा चर्चित नाम धर्मवीर प्रजापति का है, जो विधान परिषद के सदस्य हैं. धर्मवीर इसी साल जनवरी में एमएलसी बने हैं. पश्चिमी उत्तरप्रदेश के धर्मवीर प्रजापति वर्तमान में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.पांचवा चर्चित नाम छत्रपाल सिंह गंगवार का है. ये माना जा रहा है कि बीजेपी की कोशिश संतोष गंगवार की जगह को भरने की है, क्योंकि संतोष गंगवार अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में नहीं है। छत्रपाल बरेली जिले के बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। ये ओबीसी वर्ग के कुर्मी समाज से आते हैं. बीजेपी के ये वरिष्ठ नेता संघ के प्रचारक भी रह चुके हैं। छठा नाम पलटू राम हैं, जो बलरामपुर की सदर से विधायक हैं और दलित समाज से आते हैं। पलटू राम मूल राम से गोंडा के निवासी हैं और पहली बार बलरामपुर सदर सीट से विधायक बने हैं। सातवां नाम हस्तिनापुर के बीजेपी विधायक दिनेश खटिक का है, जो दलित समाज से हैं।