Amaravati MP नवनीत कौर राणा को Supreme Court से बड़ी राहत

Amaravati MP नवनीत कौर राणा को Supreme Court से बड़ी राहत

मुंबई। अमरावती की सांसद नवनीत कौर राणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है,कोर्ट ने राणा के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवनीत कौर राणा के जाति प्रमाणपत्र को इसी महीने रद्द कर दिया था और कहा था कि प्रमाणपत्र जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था. कोर्ट ने सांसद को छह सप्ताह के अंदर प्रमाणपत्र वापस करने का निर्देश दिया था. न्यायमूर्ति आर डी धनुका और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की खंडपीठ ने उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो उन्हें दो सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराना था.बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को नवनीत कौर राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाता, तो नवनीत कौर राणा की लोकसभा सदस्य की कुर्सी चली जाती। नवनीत कौर राणा ने अमरावती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था।

अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित थी. शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थन से नवनीत कौर राणा अपने पहले ही चुनाव में संसद पहुंचने में कामयाब रहीं.इससे पहले 8 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राणा ने अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए ‘मोची’ जाति से संबंधित होने का दावा किया और यह इस श्रेणी के उम्मीदवार को उपलब्ध होने वाले विभिन्न लाभों को हासिल करने के इरादे से किया गया था, जबकि उन्हें मालूम है कि वह उस जाति से संबंधित नहीं हैं.बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा, ‘‘आवेदन (जाति प्रमाण पत्र के लिए) जानबूझकर कपटपूर्ण दावा करने के लिए किया गया था ताकि प्रतिवादी संख्या 3 (राणा) को अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के वास्ते आरक्षित सीट पर संसद सदस्य के पद के लिए चुनाव लड़ने में सक्षम बनाया जा सके.’’ पीठ ने कहा कि प्रमाणपत्र जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था और इसलिए ऐसा जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया जाता है.पीठ ने कहा, ‘‘हमारे विचार में प्रतिवादी संख्या तीन ने जाति प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जाति जांच समिति से धोखे से सत्यापित करवाया था।

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