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Monday, April 28, 2025
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अमित शाह का चेन्नई दौरा: भाजपा-AIDMK गठबंधन को फिर से मजबूत करने की कवायद

2026 विधानसभा चुनाव से पहले संभावित गठबंधन पर चर्चा, वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार (11 अप्रैल) को अपने तमिलनाडु दौरे पर चेन्नई पहुंचे, जहां उन्होंने आगामी 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनज़र भाजपा और AIADMK के बीच टूट चुके गठबंधन को फिर से मजबूत करने की दिशा में अहम बैठकें शुरू कर दी हैं। यह दौरा राज्य में राजनीतिक समीकरणों को पुनर्गठित करने की दिशा में भाजपा की एक बड़ी रणनीतिक पहल मानी जा रही है।

चेन्नई हवाई अड्डे पर भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, और वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन, नैनार नागेंद्रन और पोन राधाकृष्णन ने गृह मंत्री का स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार, शाह आज दोपहर गिंडी के एक निजी होटल में मीडिया से भी संवाद कर सकते हैं।

AIADMK नेताओं से अहम बैठक:

अमित शाह की AIADMK महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (EPS) और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात तय है। यह बैठक दोनों दलों के बीच 2023 में टूटे गठबंधन को औपचारिक रूप से फिर से बहाल करने के प्रयास के तहत हो रही है।

जानकारी के अनुसार, अमित शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ पदाधिकारियों और तुगलक पत्रिका के संपादक एस. गुरुमूर्ति से भी मुलाकात करेंगे। यह बैठक भाजपा के सांगठनिक ढांचे और तमिलनाडु में रणनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

अन्नामलाई के बयानों से टूटा था गठबंधन

सितंबर 2023 में भाजपा और AIADMK का गठबंधन टूट गया था, जिसकी मुख्य वजह के. अन्नामलाई द्वारा सी.एन. अन्नादुरई और जयललिता जैसे लोकप्रिय द्रविड़ नेताओं के खिलाफ दिए गए विवादित बयान थे। इन बयानों से नाराज होकर AIADMK ने गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि, नई दिल्ली में हाल ही में हुई अमित शाह और EPS की बैठक ने फिर से सियासी समीकरणों को गर्मा दिया है। उस बैठक में EPS के साथ AIADMK नेता एस.पी. वेलुमणि और के.पी. मुनुसामी भी शामिल थे।

2021 में दिखा था गठबंधन का असर

गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-एआईएडीएमके गठबंधन को अच्छा प्रदर्शन मिला था — जहां भाजपा को 4 और एआईएडीएमके को 66 सीटें मिली थीं। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में अलग-अलग लड़ने के चलते दोनों दलों को बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा।

संघ ने दिए संकेत: 2026 से पहले स्पष्ट रणनीति जरूरी

सूत्रों के मुताबिक, RSS नेतृत्व ने जल्द गठबंधन को औपचारिक रूप देने पर जोर दिया है, ताकि समन्वय, जमीनी रणनीति और प्रचार अभियानों को मजबूत किया जा सके। अमित शाह का यह दौरा उसी दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। 2026 में होने वाले चुनावों से पहले तमिलनाडु की राजनीति में भाजपा के इस सक्रिय प्रयास से राज्य में नए गठबंधन की संभावना प्रबल हो गई है। आने वाले दिनों में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है।

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