इस साल नवरात्रि में बाजारों में खरीदारी का उत्साह चारों ओर देखा गया। सरकारी घोषणा के बाद 375 वस्तुओं पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) कम किए जाने से ग्राहक और रिटेलर्स दोनों ही खुश नजर आए। इस नवरात्रि बिक्री को पिछले दस साल की सबसे बड़ी बिक्री माना जा रहा है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, GST दरों में कमी से चीजें सस्ती हुईं, जिससे लोगों की खरीदारी पर सकारात्मक असर पड़ा। परिवारों ने नई गाड़ियाँ खरीदीं, घरेलू उपकरण अपग्रेड किए और लाइफस्टाइल उत्पादों पर भी खुलकर खर्च किया।
खाद्य-सामग्री, रोजमर्रा की चीजें, इलेक्ट्रॉनिक्स, सीमेंट और गाड़ियों सहित कई वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाई गईं। इसके साथ ही सरकार और राज्यों ने टैक्स स्लैब की संख्या कम की और तंबाकू को छोड़कर बाकी लक्ज़री और ‘सिन’ वस्तुओं पर लगने वाला सेस हटा दिया।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आसान टैक्स सिस्टम और कम दरों ने बाजार में खर्च करने का माहौल बनाया। इसकी वजह से बड़े ब्रांड और रिटेलर्स ने 25% से लेकर 100% तक बिक्री वृद्धि दर्ज की। यह खपत आधारित अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उछाल माना जा रहा है। साथ ही, कोविड-19 के बाद रुकी हुई दबी हुई मांग (Pent-up Demand) भी बिक्री बढ़ने का बड़ा कारण बनी। GST कटौती और सरकार की अपील के चलते चीज़ें और सेवाएँ पहले से सस्ती हुईं, जिससे उपभोक्ता उत्साहित होकर खरीदारी के लिए आगे आए।
सिर्फ़ बिक्री ही नहीं, बल्कि सितंबर महीने की GST वसूली में भी 9% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले चार महीनों में सबसे तेज़ वृद्धि है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नवरात्रि खरीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और भविष्य में खर्च और निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
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