भारत ने पाकिस्तान की ओर से 8-9 मई 2025 की रात को पश्चिमी सीमा पर किए गए ड्रोन और अन्य गोला-बारूद हमलों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया। भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम करने के लिए अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को सक्रिय किया, जिसमें L-70 तोप, ZU-23mm, शिल्का सिस्टम और S-400 “सुदर्शन चक्र” मिसाइल प्रणाली शामिल हैं। इन सुरक्षा प्रणालियों ने 15 सैन्य ठिकानों पर पाकिस्तान आर्मी द्वारा किए मिसाइल हमलों समेत 50 ड्रोन हमलों को नाकाम करने की बात की जा रही है।
भारतीय सेना ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के तहत, पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं ने 8 और 9 मई की रात को पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य गोला-बारूद के माध्यम से कई हमले किए। पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भी संघर्षविराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना ने इन हमलों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और एक सशक्त जवाब दिया।”
L-70 तोप, ZU-23mm और शिल्का प्रणालियाँ भारत की वायु रक्षा क्षमताओं का हिस्सा हैं, जिन्हें पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है। इन प्रणालियों को उन्नत इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है, जिससे ये तेजी से और सटीकता से हवाई खतरों का मुकाबला कर सकती हैं।
S-400 “सुदर्शन चक्र” मिसाइल प्रणाली, जिसे भारत ने रूस से खरीदी है, भी इन हमलों का मुकाबला करने के लिए तैनात की गई है। यह प्रणाली लंबी दूरी की हवाई मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है और भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करती है।
L-70 तोप
L-70 एक 40mm स्वचालित एंटी-एयरक्राफ्ट गन है, जिसे 1950 के दशक में स्वीडन द्वारा विकसित किया गया था। यह तोप अपने उच्च वेग और सटीकता के लिए जानी जाती है। इसे खासतौर पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन जैसे हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। भारतीय सेना ने इस तोप को उन्नत इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस किया है, जिससे यह त्वरित और सटीक निशाना साधने में सक्षम है। यह प्रणाली भारत के लिए अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है, खासकर ड्रोन और कम ऊंचाई पर आने वाले खतरों को नष्ट करने में।
ZU-23mm एंटी-एयरक्राफ्ट गन
ZU-23mm एक 23mm कैलिबर की ड्यूल बैरल स्वचालित तोप है, जिसे सोवियत संघ द्वारा विकसित किया गया था। यह तोप छोटे, तेजी से उड़ने वाले खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। ZU-23mm की विशेषता यह है कि यह अपने उच्च दर से गोलियां दागने में सक्षम है, जो इसे हवाई खतरों, जैसे ड्रोन और हेलीकॉप्टर, के लिए एक कारगर हथियार बनाता है। भारतीय सेना ने इसे अपनी वायु रक्षा प्रणालियों के साथ जोड़कर पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का मुकाबला किया है।
शिल्का (2S6) सिस्टम
शिल्का, जिसे 2S6 भी कहा जाता है, एक स्व-चालित एंटी-एयरक्राफ्ट गन है जो चार 23mm ऑटो-कैनन से लैस है। यह प्रणाली पाकिस्तान के ड्रोन और छोटे विमान को नष्ट करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली है। शिल्का में उच्च गति वाली फायरिंग प्रणाली और रडार-निर्देशित फायर कंट्रोल होता है, जो इसे तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है। भारतीय सेना ने इस प्रणाली को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हमलों को नाकाम करने के लिए तैनात किया।
S-400 मिसाइल प्रणाली
S-400 “सुदर्शन चक्र” एक लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है, जिसे रूस द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली 400 किलोमीटर तक की दूरी से विमान, मिसाइल और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। भारत ने इसे रूस से खरीदी है और यह देश की वायु रक्षा क्षमता को अत्यधिक सशक्त बनाती है। S-400 की रडार प्रणाली अत्यधिक संवेदनशील है और यह स्टेल्थ विमान और अन्य कठिन-से-पहुंचने वाले खतरों का भी पता लगा सकती है। यह प्रणाली पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के खिलाफ एक मजबूत रक्षा कवच प्रदान करती है।
भारत ने इन सभी प्रणालियों को पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए तैनात किया है, और इसने गुरुवार-शुक्रवार रात को पाकिस्तान द्वारा किए गए 50 ड्रोनस को सफलतापूर्वक नष्ट भी कर दिया है।
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