भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक ने एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk-1A ने शुक्रवार (17 अक्तूबर) को महाराष्ट्र के नासिक से अपनी पहली उड़ान (maiden flight) भरी। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। यह विमान भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक परिसर में निर्मित किया गया है।
इस अवसर पर तेजस Mk-1A के साथ HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट और सुखोई Su-30 MKI ने भी उड़ान भरी। ये उड़ानें HAL की तीसरी LCA Mk-1A असेंबली लाइन और दूसरी HTT-40 प्रोडक्शन लाइन के उद्घाटन के दौरान की गईं।
तेजस Mk-1A को उड़ान से पहले वॉटर सैल्यूट (जल अभिवादन) दिया गया, जो किसी विमान की पहली उड़ान के मौके पर दी जाने वाली विशेष सम्मान परंपरा है। इस विमान का निर्माण भारत में लड़ाकू विमानों के पूरी तरह स्वदेशीकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार तेजस Mk-1A को भारतीय वायुसेना (IAF) में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा, लेकिन उससे पहले इसके हथियार और रडार इंटीग्रेशन ट्रायल पूरे होने जरूरी हैं। ट्रायल्स के बाद इसे वायुसेना की स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा।
#WATCH | Maharashtra | HAL manufactured LCA Tejas Mk 1A, HTT-40 basic trainer aircraft and Su-30 MKI flying at the inauguration of the third line of LCA Mark 1A and second line of HTT-40 at HAL facility in Nashik. https://t.co/OhSUaXT5Fo pic.twitter.com/w5fWhGoR0P
— ANI (@ANI) October 17, 2025
तेजस लड़ाकू विमानों के लिए तीसरी उत्पादन लाइन है, बेंगलुरु में दो लाइनें हैं जो वर्तमान में सालाना 16 विमान बनाती हैं। नासिक संयंत्र के साथ, एचएएल का तेजस विमानों का कुल उत्पादन सालाना 24 हो जाएगा। यह सुविधा 2023 में एलसीए तेजस विमानों की डिलीवरी में तेज़ी लाने के लिए शुरू की गई थी।
HAL वर्तमान में इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने में जुटा है। हालांकि, GE F404 इंजन की आपूर्ति में देरी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। अगस्त 2021 में ₹5,375 करोड़ की लागत से अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक (GE) कंपनी के साथ 99 इंजन का अनुबंध किया गया था, लेकिन अब तक केवल चार इंजन ही HAL को प्राप्त हुए हैं। पहला GE-F404 इंजन मार्च 2024 में और दूसरा जुलाई में मिला था। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि आगामी मार्च तक आठ और इंजन भेज दिए जाएंगे।
तेजस मार्क 1A संस्करण एक उन्नत, बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। यह स्वदेशी 4.5-पीढ़ी का, सभी मौसमों में काम करने वाला लड़ाकू विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है।
#WATCH | Maharashtra | HAL manufactured LCA Tejas Mk 1A, HTT-40 basic trainer aircraft and Su-30 MKI flying at the inauguration of the third line of LCA Mark 1A and second line of HTT-40 at HAL facility in Nashik. https://t.co/OhSUaXT5Fo pic.twitter.com/w5fWhGoR0P
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इन लड़ाकू विमानों को उच्च-खतरे वाले हवाई वातावरण में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। तेजस एमके-1ए में तेजस एमके-1 संस्करण की तुलना में कई उन्नत सुविधाएँ हैं, जिनमें इज़राइली ईएल/एम-2025 एईएसए रडार, जैमर के साथ उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) क्षमताएँ शामिल हैं। तेजस जेट में एक स्वदेशी डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर एकीकृत किया गया है। ये फ्लाई-बाय-वायर प्रणालियाँ इलेक्ट्रॉनिक इंटरफ़ेस वाले विमान में यांत्रिक उड़ान नियंत्रणों की जगह लेती हैं।
लड़ाकू विमान में विभिन्न प्रकार के हथियार ले जाने के लिए लगभग नौ हार्ड प्वाइंट हैं, जिनमें इजरायल निर्मित डर्बी मिसाइलें और स्वदेशी एस्ट्रा मिसाइल शामिल हैं। HAL के अनुसार, “तेजस एमके1ए में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रडार, युद्ध और संचार प्रणाली, अतिरिक्त लड़ाकू क्षमता और बेहतर रखरखाव सुविधाएं होंगी।” यह विमान हवाई रक्षा, समुद्री टोही और हमला मिशन में सक्षम है।
भारतीय वायु सेना अपनी 42 लड़ाकू स्क्वाड्रनों की क्षमता से काफ़ी कम पर काम कर रही है। वर्तमान में उसके पास केवल 29 स्क्वाड्रन हैं। सितम्बर में चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर एक सेवामुक्ति समारोह में दो मिग-21 स्क्वाड्रनों को सेवानिवृत्त कर दिया गया। तेजस लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में देरी से भारतीय वायुसेना और अधिक निराश हो गई है।
तेजस Mk-1A भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह विमान अत्याधुनिक एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, और बेहतर रडार क्षमताओं से लैस है। इसके शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत और तकनीकी क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
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