पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का संघर्षविराम (सीजफायर) समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, और इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि वे तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। शरीफ ने कहा है कि वे वाजिब शर्तों पर समाधान चाहते हैं, और अब गेंद अफगानिस्तान के पाले में है।
शरीफ ने गुरुवार (16 अक्तूबर)को आयोजित फेडरल कैबिनेट मीटिंग के दौरान की, जैसा कि जियो न्यूज ने रिपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि यह तालिबान पर निर्भर करता है कि वह स्थायी युद्धविराम चाहता है या नहीं। हालांकि, इस दौरान शरीफ ने अपने मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान को दोहराते हुए दावा किया कि हालिया हमले भारत के इशारे पर तालिबान शासन द्वारा किए गए। उन्होंने कहा कि यह हमला उस समय हुआ जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर थे, हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया जब पाकिस्तान ने काबुल में दो हवाई हमले किए, जिसके बाद तालिबान ने इसे “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” बताते हुए जवाबी हमला किया। शरीफ ने कैबिनेट बैठक में कहा, “दुर्भाग्य से, तमाम प्रयासों के बावजूद अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने शांति को प्राथमिकता नहीं दी और आक्रामक रास्ता चुना।”
इस बीच भारत ने अफगानिस्तान के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और “तीन बातें बिल्कुल स्पष्ट हैं” पाकिस्तान आतंकी संगठनों को शरण देता है, अपने आंतरिक असफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोषी ठहराता है, और अफगानिस्तान की संप्रभुता से परेशान है। जायसवाल ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र और चीन सहित कई अंतरराष्ट्रीय पक्षों ने स्थायी संघर्षविराम की अपील की है। यूएन असिस्टेंस मिशन इन अफगानिस्तान (UNAMA) ने इस संघर्षविराम का स्वागत किया और बताया कि अब तक दक्षिणी क्षेत्र में सबसे अधिक हताहत हुए हैं। UNAMA के अनुसार,“मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र में कम से कम 17 नागरिकों की मौत हुई और 346 घायल हुए हैं।” यूएन मिशन ने सभी पक्षों से अपील की कि “नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थायी शांति स्थापित की जाए और और अधिक जनहानि रोकी जाए।”
बताया जा रहा है कि यह 48 घंटे का संघर्षविराम शुक्रवार शाम 6 बजे (स्थानीय समय) समाप्त हो जाएगा। इसके बाद दोनों देशों के बीच क्या रुख अपनाया जाएगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है।
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