महाराष्ट्र में महापुरुषों का अपमान बताते हुए शनिवार को महाविकास अघाड़ी ने मोर्चा निकाला। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस मोर्चे में एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि अगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नहीं हटाया गया तो महाराष्ट्र जल उठेगा। ऐसा ही बयान संजय राउत ने दिया था। उन्होंने ऐसा बयान तब दिया था जब शिवसेना के चालीस विधायक टूटकर गुवाहाटी चले गए थे। उन्होंने भी शिवसैनिकों को उकसाने वाले बयान दिया था। एक बार फिर महाविकास अघाड़ी के नेता महाराष्ट्र को आग में झोंकने की बात कर रहे हैं।
मोर्चा में अजित पवार, संजय राउत, उद्धव ठाकरे के अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया। लेकिन शरद पवार ने उकसावे वाले बयान देकर महाराष्ट्र को आग में क्यों झोंकना चाहते हैं। क्या राजनीति के नाम पर शरद पवार महाराष्ट्र के विनाश पर उतारू है ? शरद पवार का यह बयान अजीब इसलिए है कि वे महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। इस दौरान संजय राउत ने कहा कि फड़वनीस और शिंदे की सरकार फरवरी महीना नहीं देख पाएगी।
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ आदर्श है जैसे फुले, साहू, आंबेडकर आदि. मई देश के कोने कोने में जाता हूं। सभी लोगों के मन में साहू महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉक्टर आम्बेडकर के प्रति आदर और सम्मान है। उन्होंने कहा कि मैने कई राज्यपाल देखे। लेकिन आज के राज्यपाल ने महाराष्ट्र की विचार को संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि हम महापुरुषों के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे।
वहीं, शरद पवार से पहले संजय राउत ने महामोर्चा को संबोधित कर कहा कि शिंदे और फडणवीस सरकार फरवरी महीने का मुंह नहीं देख पाएगी। उन्होंने कहा कि आज का विराट मोर्चा ने आगे की रणनीति तय कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार को उखाड़ फेंकने की चिंगारी जल उठी है। इस मंच पर महाराष्ट्र की सभी पार्टियों के नेता हैं जबकि महापुरुषों का अपमान करने वाले मंत्रालय में बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह मोर्चा गांव गांव जाएगा।
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