भारतीय सेना ने 6 और 7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था। सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया।
सेना के आकलन के अनुसार, इस ऑपरेशन में 130 से 140 आतंकवादी मारे गए। इनमें कई उच्च प्रोफ़ाइल आतंकी शामिल हैं। मारे गए आतंकियों में आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित यूसुफ अजहर, अबू जुंदाल उर्फ मुदस्सर (लश्कर का मुरिदके प्रमुख), खालिद उर्फ अबू आकाशा (हथियार तस्करी में शामिल), और जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध हसन खान शामिल थे।
इस अभियान में बहावलपुर और मुरिदके स्थित आतंकी केंद्रों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्र ‘मरकज सुभान अल्लाह’ को भी नष्ट किया गया, जहां 600 से अधिक आतंकी प्रशिक्षण ले रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, अबू जुंदाल के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान सेना के एक जनरल और एक आईजी स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। इसी तरह खालिद का अंतिम संस्कार फैसलाबाद में किया गया, जिसमें स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
अधिकारिक पुष्टि के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें कई नागरिक मारे गए थे। भारत सरकार की ओर से इस ऑपरेशन पर अब तक कोई औपचारिक प्रेस बयान जारी नहीं किया गया है, हालांकि रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ ‘सख्त जवाबी कदम’ के तहत की गई थी।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर की घोषणा की गई। इसके बावजूद, सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट बरकरार है और सुरक्षा एजेंसियां निगरानी बढ़ाए हुए हैं।
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‘ऑपेरशन सिंदूर’ अभी ख़त्म नहीं हुआ !
