प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को एक विशेष अदालत के समक्ष दावा किया कि शराब उत्पाद शुल्क घोटाला दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की संलिप्तता के बिना नहीं हो सकता था। ‘ईडी’ ने इस समय यह भी कहा कि यह सिसोदिया ही थे जिन्होंने मामले में देरी की। ईडी ने सिसोदिया की दूसरी जमानत अर्जी का विरोध किया|
अदालत ने जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की और सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी|आबकारी नीति को डिजाइन करने की जिम्मेदारी सिसोदिया की थी|ईडी के विशेष वकील जोएब हुसैन ने दावा किया कि ये अपराध उसी से हुए हैं|मामले में देरी को देखते हुए आरोपियों की ओर से जमानत की मांग की जा रही है| हालांकि, यह देरी अभियुक्त के कारण हुई है, अभियोजन पक्ष के कारण नहीं।
करीब छह महीने पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद उन्होंने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है|ईडी ने तब सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सिसोदिया के खिलाफ मामला अगले छह से आठ महीनों में समाप्त हो जाएगा।हालांकि, मामला अभी भी दस्तावेज़ जांच के लिए सूचीबद्ध है और शराब उत्पाद शुल्क घोटाला मामले में कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि कथित दिल्ली शराब उत्पाद शुल्क घोटाले में, थोक वितरकों को कमीशन के रूप में 581 करोड़ रुपये मिले क्योंकि नई उत्पाद शुल्क नीति ने कमीशन को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया। थोक वितरकों को मिले 338 करोड़ रुपये के बढ़े हुए मुनाफे को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था|
वित्तीय हेराफेरी मामले में भाजपा के खिलाफ कार्रवाई करे!: चुनाव आयोग से नोटिस मिलने के बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी ने शनिवार को वित्तीय हेराफेरी मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए आतिशी ने चुनाव आयोग की आलोचना की और आरोप लगाया कि आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है| उन्होंने पूछा कि जब ईडी वित्तीय हेराफेरी मामले की जांच करने में सक्षम थी तो उन्होंने भाजपा नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की।
यह भी पढ़ें-
लोकसभा चुनाव 2024: एकनाथ खडसे होगी घर वापसी? जल्द होगी घोषणा!