पिछले दो सप्ताह से बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ आंदोलनों ने हिंसक रूप लिया है। गुरुवार ( 18 जुलाई ) के दिन ढाका में प्रसारक बीटीवी के कार्यालय पर हमला करने की खबरें आई थी। हिंसा के बढ़ाते स्वरुप को देखते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति की अपील की थी। लगातार बढ़ती हिंसा को देखकर प्रदर्शन के इलाकों में मोबाईल टावर और इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई।
इन दंगो में बांग्लादेश से पुलिस से झड़प के बीच 105 प्रदर्शनकारी छात्रों के मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है की उन्हें पुलिस ने छात्रों की तरफ से फेंके पत्थर और लाठी डंडो का जवाब रबर की गोलियों से दिया है। जहां दंगे, आगजनी भीषण हुई वहां पुलिस की तरफ से फायर खोलने की बात भी कही जा रही है।
यह भी पढ़े:
बांग्लादेश: यूनिवर्सिटी के छात्रों का आरक्षण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन, पुलिस के बीच हिंसक झड़प !
आपको याद दिला दें, यह आंदोलन मात्र जॉब से कोटा सिस्टम को हटाने के लिए किए थे। जिस पर बदलाव की कोई गुंजाइश न देखते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने हिंसा का रास्ता अपनाया है। ऐसे में पुलिस इलाकों में शांति प्रस्थापित करने के लिए कोशिश में लगी हुई है। जानकारी के अनुसार पुलिस के साथ झड़प में अब तक 105 छात्रों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है और 2500 से अधिक छात्र घायल है।
बढ़ती हुई हिंसा से परेशान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मीडिया के माध्यम से शांति की अपील की थी जिसका कोई खास परिणाम होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में शेख हसीना ने छात्रों कि मांगो को लेकर उनसे चर्चा कर इस परिस्थिती से हल निकालने की बात की है। वहीं दूसरी तरफ छात्र नौकरीओं से आरक्षण मिटाने को लेकर अपनी जिद पर अड़े है।
यह भी पढ़े-
Microsoft Outage: दुनिया में उथल-पुथल, अफवाहों का बाजार गर्म!