बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू यादव के बयान ने राज्य की सियासी हलचल और भी बढ़ा दी है। लालू यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को भी अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए।नीतीश कुमार की गत दिनों दिल्ली यात्रा ने सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के परिवार को सम्मान दिया, वहीं उन्होंने भाजपा नेताओं से मिलने से परहेज किया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
नया साल शुरू होने के साथ ही बिहार का राजनीतिक परिदृश्य अटकलों और अनिश्चितता से भर गया है। हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि यह परंपरा 2025 में दोहराई जा सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गठबंधन में बदलाव की सुगबुगाहट है। ऐतिहासिक रूप से, मकर संक्रांति के बाद की अवधि अक्सर राज्य में बड़े राजनीतिक परिवर्तनों की शुरुआत करती है।
वहीं, लालू यादव के बयान ने राज्य की सियासी हलचल और भी बढ़ा दी है। लालू यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को भी अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए। इतना ही नहीं, लालू ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार भले ही भाग जाएं लेकिन हमने उन्हें माफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को माफ करना उनका कर्तव्य है। अब जदयू का बयान सामने आया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव को अंदर से जानते हैं। लालू प्रसाद यादव बस डरे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि हम एनडीए के साथ हैं और पूरी मजबूती के साथ हैं। लोग क्या कहते हैं, मैं उस पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। वहीं, लालू प्रसाद यादव के बयान के बारे में पूछे जाने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एकदम खामोश रहे।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए अपने पिता से अलग रुख दिखाया है। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि नए साल में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की विदाई तय है।
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