भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि कांग्रेस को दशकों तक अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA और सोवियत संघ की KGB से फंडिंग मिलती रही। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र और संप्रभुता पर हमला बताते हुए 1947 से 2014 तक की अवधि की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में दुबे ने कहा, “सीआईए और मित्रोखिन की डायरियों में इस बात का उल्लेख है कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा धन दिया गया था। इसमें यह भी उल्लेख है कि रूस द्वारा उनकी इच्छानुसार कुल 16,000 समाचार लेख प्रकाशित किए गए थे… इसमें यह भी उल्लेख है कि कांग्रेस उम्मीदवार सुभद्रा जोशी ने 1977-80 तक चुनाव के नाम पर जर्मन सरकार से 5 लाख रुपये लिए और उसके बाद वे इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बन गईं।
“अगर आप देखें तो ऐसा लगता है कि गांधी परिवार के नेतृत्व में हमारा देश सोवियत रूस को बेच दिया गया था। आज मैंने जो कहा वो ये है कि 10 मई 1979 को राज्यसभा में एक चर्चा हुई, अमेरिकी राजदूत मोइनिहान द्वारा लिखी गई किताब में उल्लेख है कि उन्होंने इंदिरा गांधी को दो बार पैसे दिए, इस पर राज्यसभा में पूरी बहस हुई और मैंने निक्सन और किसिंजर के बीच फोन पर हुई बातचीत का उल्लेख किया है, जिसमें वे पैसे देने की बात कर रहे हैं, कांग्रेस को कैसे मैनेज किया जा सकता है, सरकार को कैसे मैनेज किया जा सकता है। ये सारी बातें हैं”
उन्होंने कहा, “यह चिंताजनक है…जब 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो रॉ के संयुक्त निदेशक रवींद्र सिंह को भेज दिया गया और आज तक उनका कोई अता-पता नहीं है…यह सब दिखाता है कि 2014 तक, अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के 5-6 साल को छोड़ दें तो यह सरकार या तो KGB या CIA द्वारा चलाई जा रही थी और कांग्रेस और पूरा गांधी परिवार इन दोनों एजेंसियों की कठपुतली था और यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था…””
दुबे ने अपने हालिया सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए बताया कि इंदिरा गांधी ने शिमला समझौते के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पत्र लिखकर संबंध सुधारने की अपील की थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि निक्सन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर के बीच एक फोन कॉल में 300 करोड़ रुपये की मदद की बात हुई थी।
दुबे ने बताया कि 10 मई 1979 को तत्कालीन गृह मंत्री चंपत पटेल ने राज्यसभा में यह स्वीकार किया था कि CIA ने कांग्रेस को दो बार चंदा दिया — एक बार केरल की कम्युनिस्ट सरकार को गिराने के लिए और दूसरी बार लोकसभा चुनाव के लिए। दुबे ने इसे तत्कालीन फेरा कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताया।
दुबे ने पूर्व रॉ अधिकारी रविंद्र सिंह को इस नेटवर्क की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि “2004 में कांग्रेस की सरकार बनते ही रविंद्र सिंह को अमेरिका भगा दिया गया और 2014 तक उसे वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।” उन्होंने दावा किया कि रविंद्र सिंह की CIA और अमेरिकी राजदूत डेनियल मोयनिहान से बातचीत के सबूत हैं।
#WATCH | Delhi: BJP MP Nishikant Dubey says "The diaries of CIA and Mitrokhin mention that under the leadership of the late Congress leader HKL Bhagat, more than 150 Congress MPs were funded by Soviet Russia. It also mentions that a total of 16,000 news articles were published by… https://t.co/5CqwNDiBel pic.twitter.com/snxzLBm86Q
— ANI (@ANI) July 1, 2025
भाजपा सांसद ने दावा किया कि सोवियत संघ ने भारत में 16,000 से ज्यादा खबरें अपने एजेंडे के तहत प्रकाशित करवाईं, मीडिया संस्थानों को फंडिंग दी और अफसरों व पत्रकारों को प्रभावित किया। “यहां तक कि महिला प्रेस क्लब का निर्माण भी सोवियत योजना का हिस्सा था,” उन्होंने कहा।
दुबे ने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता सुभद्रा जोशी को जर्मनी से 5 लाख रुपये की फंडिंग मिली थी और चुनाव हारने के बाद उन्हें इंडो-जर्मन फोरम का अध्यक्ष बना दिया गया।
निशिकांत दुबे ने अंत में कहा कि अब समय आ गया है कि एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग का गठन कर 1947 से 2014 तक की कांग्रेस की विदेशी फंडिंग और विदेशी प्रभाव की पूरी जांच की जाए। उन्होंने कहा, “यह जांच स्पष्ट करे कि कैसे इस पैसे के दम पर नीतियां, मीडिया और अफसरशाही प्रभावित हुई, और कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे।” दुबे के इन आरोपों से राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इसका क्या जवाब देती है और क्या केंद्र सरकार इस मांग पर कोई कदम उठाती है।
यह भी पढ़ें:
UN में बोले एस. जयशंकर: पाक की परमाणु धमकी से हम डरने वाले नहीं!
हिमाचल: बारिश के कहर में 17 की मौत, ब्यास नदी खतरे के निशान के ऊपर!
पाकिस्तान की तरह ईरान भी खरीदेगा चीनी फाइटर जेट, रूस से डील ठप !
वसई-विरार अवैध निर्माण घोटाला:ईडी ने मारे 16 ठिकानों पर छापे !



