मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशील पहल पर उत्तर प्रदेश में अब राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना को पूरी तरह जनहितकारी, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बना दिया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश के गरीब और असहाय परिवारों को अब घर बैठे 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, वह भी सिर्फ 75 दिनों के भीतर।
नई व्यवस्था में आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है। अब लाभार्थी को न तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत है और न ही फाइलों की देरी का सामना करना पड़ेगा। यदि तय 75 दिन की समय-सीमा में सहायता नहीं मिलती, तो मामला तत्काल जिला समिति से अनुमोदित कर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। अब प्रदेश स्तर की स्वीकृति का इंतजार खत्म कर दिया गया है।
अब ज़िला समाज कल्याण अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि पात्रता का सत्यापन समय पर हो और सूची सात दिनों के भीतर स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाए। डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से पीएफएमएस पोर्टल से आधार लिंक बैंक खाते में सीधा भुगतान किया जाएगा। यदि किसी जिले में बजट की कमी होती है, तो डीएम को ट्रेजरी नियमों के तहत तुरंत भुगतान करने की छूट दी गई है।
अचानक हुई मौतों के मामलों में त्वरित सहायता के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। आवेदन के सत्यापन के बाद डीएम और समाज कल्याण अधिकारी डिजिटल सिग्नेचर से तुरंत भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
योजना में किसी भी अड़चन या शिकायत के समाधान हेतु कमांड सेंटर में हेल्पलाइन नंबर 14568 शुरू किया गया है। यहां से लाभार्थी सीधे संपर्क कर सकते हैं और समाधान पा सकते हैं।
तहसील दिवसों, होर्डिंग, पोस्टर और हैंडबिलों के जरिए योजना की जानकारी गांव-गांव, शहर-शहर तक पहुंचाई जा रही है। सरकार ने योजना में आधार सीडिंग, लाइव वेरिफिकेशन और डिजिटल स्टेटस चेकिंग जैसी तकनीकी सुविधाओं को जोड़ने का भी निर्णय लिया है, जिससे हर कदम पर पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का उद्देश्य उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है जिनका आय का मुख्य स्रोत रहे व्यक्ति की मृत्यु 18 से 60 वर्ष की उम्र के बीच हो जाती है। ऐसे परिवार जो इस आयु सीमा के भीतर मुखिया की मृत्यु के बाद आर्थिक रूप से असहाय हो जाते हैं, वे इस योजना के अंतर्गत पात्र माने जाते हैं। पात्रता के निर्धारण के लिए शहरी क्षेत्र में वार्षिक पारिवारिक आय की सीमा ₹56,460 और ग्रामीण क्षेत्र में ₹46,080 निर्धारित की गई है। इस सीमा में आने वाले पात्र परिवारों को सरकार की ओर से ₹30,000 की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में योगी सरकार ने अब तक कुल 1,08,883 निराश्रित परिवारों को इस योजना के तहत लाभ पहुंचाया है। इन लाभार्थियों को सहायता देने के लिए सरकार ने कुल ₹326.64 करोड़ रुपए की राशि व्यय की है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि योजना को न केवल सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है, बल्कि इसका प्रभाव भी प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों तक सीधा पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि सकारात्मक इच्छाशक्ति और तकनीक के बेहतर उपयोग से कल्याणकारी योजनाएं गरीब तक समय पर पहुंच सकती हैं। अब पारिवारिक लाभ योजना के तहत कोई भी पात्र परिवार सहायता से वंचित नहीं रहेगा, यही योगी सरकार का संकल्प है।
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