गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के आकस्मिक निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (13 जून)को अहमदाबाद पहुँच कर शोकसंतप्त परिवार से मुलाक़ात की। प्रधानमंत्री ने दिवंगत नेता के साथ बिताए दशकों पुराने राजनीतिक सफ़र, विकास के साझा लक्ष्यों और निजी रिश्तों को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर भावुक संदेश साझा किया।
प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा,“मैंने और विजयभाई ने बतौर मुख्यमंत्री गुजरात के लिए बहुत काम किया था। उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिससे गुजरात की विकास दर में तेजी आई… उनके साथ हुई मुलाकातें और चर्चाएं हमेशा याद रहेंगी। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।”
रूपाणी के राजनीतिक सफ़र का ज़िक्र करते हुए मोदी ने कहा, “उन्हें जो भी भूमिका सौंपी गई, उसमें उन्होंने खुद को साबित किया… चाहे वह राजकोट नगर निगम में हो, राज्यसभा सांसद के रूप में हो, गुजरात भाजपा अध्यक्ष के रूप में हो या राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में हो और मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने हमेशा एक अद्वितीय भूमिका निभाई।”
परिवार से मुलाक़ात के बाद प्रधानमंत्री ने दूसरी पोस्ट में लिखा,“विजयभाई रूपाणी के परिवार से मुलाकात की। यह कल्पना से परे है कि विजयभाई हमारे बीच नहीं हैं… विजयभाई विनम्र और मेहनती थे, पार्टी की विचारधारा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध थे… गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जनता के लिए समर्पित भाव से काम किया।”
2016‑2021 के कार्यकाल में रूपाणी ने राज्य में ‘ईज़ ऑफ़ लिविंग’ जैसे कार्यक्रम लागू कर सड़क, जल व डिजिटल कनेक्टिविटी पर ज़ोर दिया। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्टों के अनुसार, उनके कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों में राज्य की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर बनी रही। रूपाणी की कार्यशैली को सादगी और त्वरित फ़ैसला लेने के लिए भी याद किया जाता है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित विपक्ष के नेताओं ने भी रूपाणी के निधन को राज्य के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाड़िया ने ट्वीट करते हुए कहा कि “रूपाणीजी के जाने से गुजरात ने एक सुलझा, शांत और विकासोन्मुख चेहरा खोया है।”
गुजरात सरकार ने दिवंगत नेता के सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है। शनिवार को राजकोट में अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व सहित विपक्षी दलों के प्रतिनिधि अंतिम विदाई में शामिल होंगे।
रूपाणी के निधन ने गुजरात ही नहीं, देश‑भर के विकास मॉडल पर भी एक रिक्ति पैदा कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी की भावनात्मक पोस्ट न केवल उनकी व्यक्तिगत निकटता को दर्शाती है, बल्कि यह भी रेखांकित करती है कि विकास यात्राएँ केवल नीतियों से नहीं, साझी प्रतिबद्धताओं से बनती हैं।
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