कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठ समारोह का न्योता ठुकरा दिया है। यानी अब कहा जा सकता है कि कांग्रेस की ओर से कोई भी नेता इस समारोह में शामिल नहीं होगा। इससे पहले कांग्रेस का कहना था कि समय आने पर निर्णय लिया जाएगा कि राम मंदिर समारोह कांग्रेस नेता शामिल होंगे की नहीं। बुधवार को कांग्रेस ने इस संबंध में एक प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी।
बता दें कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए मिला है। जिसे अब कांग्रेस ठुकरा दिया है। पहले से ही असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि कांग्रेस नेता समारोह में जाएंगे की नहीं जाएंगे। कांग्रेस द्वारा बार बार कहा गया कि समय आने पर सही निर्णय लिया जाएगा। अब कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए अयोध्या जाने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह आरएसएस और बीजेपी का कार्यक्रम है।
इससे पहले वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी समारोह का न्योता मिलने नहीं जाने का ऐलान किया था। उनका भी यही आरोप था कि बीजेपी राम मंदिर का राजनीतिकरण कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी विश्व हिन्दू परिषद के नेता आलोक कुमार द्वारा निमंत्रण दिए जाने पर उसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी अजनबी व्यक्ति न्योता नहीं लेंगे।
इसी तरह से पहले वाम नेता सीताराम येचुरी ने समारोह का न्योता स्वीकार तो किया था, लेकिन बाद में उन्होंने भी अयोध्या जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने भी इसे बीजेपी का कार्यक्रम बताया था। वहीं, इस समारोह में उद्धव ठाकरे को न्योता नहीं मिला है।
ये भी पढ़ें
अखिलेश यादव ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया,कही ये बात…
जम्मू-कश्मीर विधानसभा, स्थानीय स्वशासन चुनाव में पहली बार ओबीसी आरक्षण!
अयोध्या राम मंदिर निर्माण में नहीं प्रयोग हुए हैं लोहे और सीमेंट !