राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को दिल्ली सेवा बिल को मंजूरी दे दी। उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लिया। यह कानून उस अध्यादेश का जगह लेगा जिसमें केंद्र सरकार ने सरकारी अफसरों की नियुक्ति और तबादले से जुड़ा हुआ है। यह बिल लोकसभा के साथ राज्यसभा में बहुमत के साथ से पारित हो गया। इस बिल पर आप पार्टी का कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने समर्थन किया था। इसके बावजूद इस बिल को अच्छा समर्थन मिला।
राष्ट्रपति मुर्मू ने शनिवार को चार बिलों को मंजूरी दी। जिसमेंडिजिटल पर्सनल डाटा प्रोडक्शन बिल, रजिस्ट्रेशन ऑफ़ बर्थ डेथ (संशोधन) बिल और द जन विश्वास बिल को राष्ट्रपति मुर्मू ने मंजूरी दी। बता दें कि दिल्ली सेवा बिल को जव संसद के पटल पर रखा गया था तो विपक्ष ने वाकआउट किया था। इस बिल के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पटलते हुए 19 मई को एक अध्यादेश जारी किया था।
दिल्ली सेवा बिल के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा था कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश है। राज्यसभा में आप पार्टी के सभी कोशिशों के बावजूद इस बिल के समर्थन में 130 वोट पड़े थे। वहीं, जबकि विपक्ष के गठबंधन को मात्र 102 वोट मिले थे। केजरीवाल ने इस बिल के खिलाफ कांग्रेस से समर्थन मांगा था।
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