विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पक्ष में बड़े नतीजे की घोषणा की है|एकनाथ शिंदे की पार्टी ही असली शिवसेना है|राहुल नार्वेकर ने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे की पार्टी को बहुमत है| लिहाजा, ठाकरे गुट के मुखिया उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है|अब ठाकरे समूह की असली कानूनी लड़ाई फिर से शुरू होने की संभावना है| विधानसभा अध्यक्ष ने आज आए नतीजों में ठाकरे गुट को कई झटके दिए|
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आज शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के नतीजे पढ़े। इस नतीजे में शिवसेना ठाकरे गुट को एक के बाद एक झटके लगे हैं| विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने ठाकरे गुट के हलफनामे को स्वीकार नहीं किया है| क्योंकि ठाकरे समूह के प्रमुख उद्धव ठाकरे बहस के लिए उपस्थित नहीं हुए। राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा किए गए संविधान संशोधन को भी स्वीकार कर लिया|
राहुल नार्वेकर ने कहा है कि 2018 में उद्धव ठाकरे द्वारा किया गया संवैधानिक संशोधन अनुचित था। साथ ही 1999 में चुनाव आयोग द्वारा संविधान में किये गये बदलाव सही हैं| अत: उस समय की घटना उचित है। लेकिन 2018 में किए गए बदलाव वैध नहीं हैं, दिलचस्प बात यह है कि राहुल नार्वेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालने का कोई अधिकार नहीं है।
पार्टी प्रमुख अकेले फैसले नहीं ले सकते| पार्टी प्रमुख का नहीं बल्कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का फैसला अंतिम होगा| उद्धव ठाकरे को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समर्थन नहीं मिला| शिवसेना पार्टी प्रमुख किसी को भी पद से नहीं हटा सकते| शिवसेना पार्टी प्रमुख समूह नेता को पद से नहीं हटा सकते| अगर ऐसा हुआ तो पार्टी में कोई भी पार्टी नेता के खिलाफ नहीं बोल पाएगा| पार्टी प्रमुख को सर्वोच्च शक्ति देना लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। अन्यथा पार्टी में छोटे-छोटे तत्व कुछ नहीं बोल पाएंगे।
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