गोरखपुर: निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव ने की खुदकुशी, पार्टी अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप!

पार्टी नेता धर्मात्मा ने फेसबुक अकाउंट से की गई एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और उनके बेटों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें खुदकुशी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

गोरखपुर: निषाद पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव ने की खुदकुशी, पार्टी अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप!

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निषाद पार्टी के प्रति कर्मठ व निष्ठावान रहे पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने ख़ुदकुशी कर लिया| पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव ने अपने फेसबुक एकाउंट से एक पोस्ट कर गंभीर आरोप लगाते हुए स्पष्ट रूप से यह कहा है कि मेरे खुदखुशी के लिए पार्टी अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और उनके बेटे प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं| इस घटना से निषाद पार्टी के अंदर अंतर्कलह अब उभरकर सामने आता दिखाई दे रहा है|

पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने यह कठोर कदम उठाने से पहले अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि यह आखिरी संदेश है। आज बहुत कुछ सोचने समझने के बाद मैंने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं है।

उन्होंने अपने अंतिम संदेश में लिखा कि अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था उतना करने का प्रयास किया और कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर भी जाकर लोगों की मदद की। जिसके कारण मेरे हजारों राजनीतिक और सामाजिक दुश्मन बनें, फिर भी मैंने समाज के शोषित, वंचित, और निर्बलों की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा।

इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े और कई बार जेल भी जाना पड़ा, फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया। मैं लगभग पिछले 10 वर्ष से डॉ. संजय निषाद कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) के साथ सामाजिक और राजनीतिक संगठन जैसे कि राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद और निषाद पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए कार्य कर रहा था।

पिछले 10 वर्ष से मैंने कभी अपने परिवार को समय नहीं दिया, जितना कि डॉ. संजय निषाद और उनके परिवार के लोगों के साथ-साथ समाज को दिया। प्रदेश के लगभग 40-50 जिलों में संगठन और पार्टी के लिए कार्य किया, जिसकी वजह से निषाद समाज के युवाओं के साथ-साथ अन्य वर्ग में मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई। इस कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ने लगी कि आखिर यह एक साधारण सा लड़का इतना ज्यादा चर्चित और लोकप्रिय कैसे होता जा रहा है।

इसी बात को लेकर पिछले दो वर्ष से डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों ने मेरे खिलाफ सामाजिक और राजनीतिक रूप से षड्यंत्र करने लगे। मनीष निषाद नाम के एक लड़के को मुझसे मारपीट करने के लिए उकसाया गया जिसके कारण मुझे मनीष निषाद को मारना पड़ा था। उसको मैंने ऑन कैमरा मारा था क्योंकि उसने मेरे दुश्मनों के साथ मिलकर मेरे घर पर आकर मेरी मां और बहन के साथ गाली-गलौज और मारपीट की थी।

इसमें मेरे एक बहुत करीबी मित्र जय प्रकाश निषाद का हाथ था। उसी ने षड्यंत्र करके डॉ. संजय और तत्कालीन सांसद प्रवीण निषाद के नाम से फोन करके मेरे खिलाफ फर्जी लूटपाट का मुकदमा दर्ज करवाया था। बाद में जय प्रकाश निषाद ने कबूल किया था कि डॉ. संजय और उनके बेटों प्रवीण और श्रवण के कहने पर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह जानने के बाद मुझे बहुत गहरी चोट पहुंची।

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