मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने “लव जिहाद” के खिलाफ कानूनी जांच के लिए एक समिति बनाने के राज्य सरकार के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि, अंतरधार्मिक विवाह गलत नहीं हैं, लेकिन झूठी पहचान के जरिए धोखे से धर्मांतरण को संबोधित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में लव जिहाद की वास्तविकता को स्वीकार किया है। महाराष्ट्र में भी, हम ऐसे मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। एक धर्म के व्यक्ति का दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करना गलत नहीं है। लेकिन झूठ बोलकर और झूठी पहचान दिखाकर शादी करना गलत है। ये घटनाएँ बहुत गंभीर हैं, और कार्रवाई की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार ने धर्मांतरण पर कानूनी प्रावधानों का पता लगाने के लिए सात सदस्यीय पैनल का गठन किया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) के नेतृत्व में, समिति में कानून और न्यायपालिका, महिला और बाल विकास, अल्पसंख्यक मामले, सामाजिक न्याय, विशेष सहायता और गृह मामलों जैसे विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। पैनल अन्य राज्यों में इसी तरह के कानूनों का अध्ययन करेगा और रिपोर्ट किए गए मामलों से निपटने के उपायों की सिफारिश करेगा।
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दरम्यान केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले समेत भाजपा नेताओं ने इस कदम का स्वागत कर कहा है, “लव जिहाद के खिलाफ कानून होना चाहिए। महिलाओं का धर्म परिवर्तन सही नहीं है। अलग-अलग धर्मों के दो युवाओं का एक साथ आना सामान्य बात है, लेकिन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।”
बता दें की फडणवीस ने पहले 2023 में उपमुख्यमंत्री रहते हुए इस तरह के कानून की योजना का संकेत दिया थे, उन्होंने उस समय कहा था, “इसके खिलाफ़ कानून बनाने की मांग हर तरफ़ से हो रही है। इससे पहले मैंने सदन में भी इसकी घोषणा की थी। इसके अनुसार, विभिन्न राज्यों में कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है और उसके बाद महाराष्ट्र में इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।”