फडणवीस की आलोचना, शिंदे गुट के दबदबे से भाजपा में बेचैनी !

शिवसेना के शिंदे गुट ने घोषणा की कि 'राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे', यह घोषणा की गई कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक सर्वेक्षण के आधार पर राज्य में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अधिक लोकप्रिय हैं, और फडणवीस की आलोचना की गई है।

फडणवीस की आलोचना, शिंदे गुट के दबदबे से भाजपा में बेचैनी !

Criticism of Fadnavis, uneasiness in BJP due to dominance of Shinde faction!

जबकि शिवसेना के शिंदे गुट ने घोषणा की कि ‘राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे’, यह घोषणा की गई कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक सर्वेक्षण के आधार पर राज्य में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अधिक लोकप्रिय हैं, और फडणवीस की आलोचना की गई है। शिंदे गुट के दबदबे से भाजपा में बेचैनी फैल गई है|
शिवसेना के शिंदे गुट की ओर से लगभग सभी अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। बताया जाता है कि 26.1 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को और 23.2 फीसदी लोगों ने दोबारा मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस को वोट दिया था| इस मामले ने भाजपा को खासा परेशान किया है| दूसरे आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में लोगों ने भाजपा को 30.2 फीसदी और शिवसेना को 16.2 फीसदी वोट दिया है| दावा किया गया है कि राज्य की 46.4 फीसदी जनता भाजपा-शिवसेना गठबंधन को फिर से सत्ता में लाने को तैयार है|
भाजपा आंकड़ों पर हैरानी जता रही है कि गठबंधन को 46.4 फीसदी वोट मिले हैं| यानी 53.6 फीसदी लोग गठबंधन सरकार के खिलाफ हैं| राष्ट्रवादी पार्टी के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिवसेना के आंकड़े साबित करते हैं कि राज्य की आधी आबादी भी सरकार से संतुष्ट नहीं है|

तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे फडणवीस से तीन प्रतिशत अंकों से आगे चल रहे हैं, यह फडणवीस के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है। फडणवीस का फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना तब चकनाचूर हो गया जब महा विकास अघाड़ी सरकार गिरा दी गई। उसके बाद नैलजा को उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा। फडणवीस के लिए यह चौंकाने वाली बात है कि जब उन्हें शिंदे के अधीन काम करना पड़ रहा है तो अब शिंदे ने फिर से ऐसा माहौल बनाना शुरू कर दिया है कि वे फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे|

पिछले कुछ दिनों से शिंदे गुट और भाजपा के बीच काफी कड़वाहट चल रही है| खबर थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिंदे गुट के पांच मंत्रियों को चेतावनी दी थी| शाह और शिंदे और फडणवीस के बीच मुलाकात के बाद शिवसेना के ठाकरे गुट के संजय राउत ने पांचों मंत्रियों के बारे में खुलासा किया। इसके बाद यह खबर हवा की तरह फैल गई।

शिंदे गुट को शक है कि इस खबर को गढ़ने में फडणवीस का हाथ है| इसके अलावा, शिंदे को यह बात पसंद नहीं आई कि भाजपा ने शिंदे के गढ़ ठाणे और कल्याण में दो लोकसभा सीटों पर दावा किया। इससे शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे को इस्तीफा देना पड़ा था। इन सबकी परिणति शिंदे समूह द्वारा आज प्रकाशित घोषणा पत्र को कहा जाता है।

सर्वे से साबित होता है कि राज्य की जनता भाजपा-शिवसेना सरकार से संतुष्ट है| पिछले 11 महीनों में सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कई फैसले लिए। इसलिए प्रदेश की जनता की प्राथमिकता फिर से गठबंधन सरकार को मिलेगी। मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस हाथ में हाथ डाले सरकार चला रहे हैं। फिर गठबंधन सत्ता में आएगा। चुनावी बिगुल बजने लगा है। मैं की तू बड़ा चल रहा है।

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