बांग्लादेश की पूर्व प्रधनमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रधनमंत्री मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है। हसीना ने पार्टी अवामी लीग कि मीटिंग में कहा मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश को अराजकता में झोंक दिया है। उन्होंने कहा कि, मुहम्मद यूनुस के कारण ही बांग्लादेश में सामूहिक हत्याएं होरहीं है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। हसीना ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमलों के लिए यूनुस सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश की व्यवस्था को पटरी से उतार दिया है।
शेख हसीना ने हिंदू समाज और गैर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के साथ ही चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भी बयान दिया है। शेख हसीना ने कहा, “पांच अगस्त के बाद अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के पूजा स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं। हम इसकी निंदा करते हैं, नए शासन में जमात और आतंकवादियों को खुली छूट मिल गई है। हसीना ने कहा कि यूनुस ने सुनियोजित योजना के तहत सामूहिक हत्याएं कराई हैं। हसीना का यह बयान हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में फैली अशांति के बीच आया है। शेख हसीना को इस साल अगस्त में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पीएम पद और बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था और फिलहाल वह भारत में रह रही हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लंदन में पार्टी मीटिंग को ऑनलाइन संबोधित किया। दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। हसीना ने कहा कि अगर वह सत्ता में बने रहने की कोशिश करतीं तो और भी खून खराबा होता। शेख हसीना ने कहा “बांग्लादेश अब एक फासीवादी शासन की चपेट में है, जहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास, लोकतंत्र को मजबूत करने में हमारी सरकार की उपलब्धियां यूनुस के नेतृत्व में पानी फेरा जा रहा है।”
हसीना ने आगे कहा “हथियारबंद भीड़ गणभवन (पीएम हाउस) में आई मेरे पिता मुजीबुर्रहमान की तरह हत्या करने की योजना थी। ऐसे में मुझे ढाका छोड़ना ही उस समय ठीक लगा।। … मैं लोगों की जिंदगियों के लिए बांग्लादेश से आई लेकिन आज मुझ पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया जा रहा है। हकीकत में तो मोहम्मद यूनुस ने छात्र समन्वयकों के साथ मिलकर एक सुनियोजित योजना के तहत सामूहिक हत्याएं की हैं।”
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इसी के साथ बांग्लादेश में अराजक फ़ैलाने वाले लोगों पर भी 1971 में युद्ध अपराध करने वालों की तरह कारवाई की जाएगी ऐसी चेतावनी दी है। ”अगर असंवैधानिक रूप से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार ऐसे लोगों को सजा देने में विफल रहती है तो उसे भी मानवाधिकारों के उल्लंघन की सजा मिलेगी। आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। हमारे देश को नुकसान पहुंचाने वाले हत्यारों और षड्यंत्रकारियों को बांग्लादेशी कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा। जिस तरह हमने युद्ध अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, आज के अपराधियों के खिलाफ भी उसी तरह न्याय होगा। कानून से कोई भी बच नहीं पाएगा।”