कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान ‘बजरंग दल’ संगठन को देशद्रोही कहने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है। इस संबंध में पंजाब की संगरूर अदालत ने सोमवार को उन्हें 100 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में समन जारी किया है।
पंजाब संगरूर की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रमनदीप कौर की एक अदालत ने खड़गे को 10 जुलाई, 2023 को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश हिंदू सुरक्षा परिषद और बजरंग दल हिंद के संस्थापक हितेश भारद्वाज की याचिका पर दिया है।
कोर्ट में दायर याचिका में हितेश भारद्वाज ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंग दल की तुलना देश विरोधी ताकतों से की थी। हितेश के मुताबिक खड़गे ने कहा था, ‘कांग्रेस की सरकार जब भी आती है तो बजरंग दल और देश विरोधी दूसरे संगठन समाज में नफरत फैलाते हैं।’
भारद्वाज ने कहा, ‘जब मैंने देखा कि घोषणा पत्र के पेज नंबर 10 पर कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना राष्ट्र विरोधी संगठनों से की और चुनाव जीतने पर उन्हें प्रतिबंधित करने का वादा किया। इसके बाद मैं कोर्ट पहुंच गया। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 2 मई को अपना घोषणापत्र जारी किया था। इसने पीएफआई और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था। बजरंग दल ने कांग्रेस के वादे को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में सभाओं और रैलियों में इस मुद्दे का जिक्र किया था।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग बली का मुद्दा चर्चा में रहा था। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है। बजरंग दल को बदनाम करने का मामला कोर्ट पहुंचा। विश्व हिंदू परिषद की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को कानूनी नोटिस भेजकर मानहानि के लिए 100 करोड़ रुपये देने को कहा था।
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