प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का जवाब दे रहे हैं|इस बार उन्होंने विरोधियों की आलोचना का कड़ा जवाब दिया|उन्होंने कहा, ”हमने ग्रामीण गरीबों के लिए चार करोड़ घर, शहरी गरीबों के लिए 80 लाख कंक्रीट के घर बनाए हैं।अगर हम कांग्रेस की गति से चलते तो इस विकास में 100 साल लग जाते|इस काम में पांच पीढ़ियां लग गई होंगी|10 साल में 40 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया।अगर हम कांग्रेस की गति से चलते तो इस काम में 80 साल और चार पीढ़ियां लग जातीं। हमने दस साल में 17 करोड़ गैस कनेक्शन दिए, कांग्रेस की गति से ऐसा करने में 60 साल लग जाते। तीन पीढ़ियों का दम घुट जाएगा|
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, कांग्रेस की मानसिकता से देश को बहुत नुकसान हुआ है|कांग्रेस को कभी भी देश की ताकत पर विश्वास नहीं रहा|वह खुद को शासक मानता था और खुद को जनता से अलग रखता था।देश के नागरिकों के बारे में वे क्या सोचते हैं, इस बारे में अगर मैं बात करूं तो कांग्रेस को गुस्सा आता है।15 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने लाल किले से जो कहा था, उसे मैं दोबारा पढ़ता हूं।
नेहरू ने कहा था कि भारतीय लोग आलसी हैं: भारत को ज्यादा मेहनत करने की आदत नहीं है|हम उतना काम नहीं करते जितना यूरोप, जापान, रूस, अमेरिका या चीन के लोग करते हैं। यह मत समझिए कि उनका समाज चमत्कार से नहीं बल्कि कड़ी मेहनत और बुद्धिमत्ता से विकसित हुआ है, अर्थात नेहरू भारतीय नागरिकों को आलसी मानते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेहरू कहते थे कि भारतीय कम सामान्य ज्ञान के होते हैं|
जब कोई संकट आता है तो भारतीय हताश हो जाते हैं- इंदिरा गांधी: तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मानसिकता अलग थी|उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि दुर्भाग्य से जब हमारा काम अच्छा चल रहा होता है तो हम आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं और जब हमारे सामने कोई संकट आता है तो हम हताश हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरे देश ने पराजयवाद को अपना लिया है। आज के कांग्रेस के लोगों को देखकर ऐसा लगता है कि इंदिरा जी ने शायद देश की जनता के बारे में ग़लत राय बना ली थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस का बहुत सटीक आकलन किया है|
तीसरे कार्यकाल में ही देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दूंगा: हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और यह मोदी की गारंटी है। इसमें कहा गया है कि हम दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति कब बनेंगे। तब विपक्ष में बैठे हमारे साथी अलग ही तर्क देते हैं| वे कहते हैं, इसमें कौन सी बड़ी बात है? ये अपने आप हो जाएगा| मैं सदन के माध्यम से देश और विशेषकर युवाओं को बताना चाहता हूं कि अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत होती है और इसमें सरकार की क्या भूमिका होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में यूपीए-2 के अंतरिम बजट के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री द्वारा दिया गया एक बयान पढ़ा। उस समय भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें स्थान पर थी। यूपीए ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए 2044 का लक्ष्य रखा था। लेकिन हम तीसरे कार्यकाल में ही ऐसा करने जा रहे हैं|अगर 11 नंबर पर जाकर आपको खुशी हुई, तो आपको आज तीसरे नंबर पर जाकर खुश होना चाहिए।
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