पाकिस्तान के कब्जाए कश्मीर (पीओके) में भारी विद्रोह शुरू है। तीसरे दिन पाकिस्तानी सेना के कारण यह प्रदर्शन हिंसा और खूनखराबे में बदल गया है। गुरुवार (2 अक्टूबर) को दादयाल, मुजफ्फराबाद, रावलकोट, नीलम वैली और कोटली में प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों चढ़ाई की, दौरान दोनों के बीच झड़प हुई। पाकिस्तानी सेना ने कश्मीरी प्रदर्शनकारियों का दमन करने के लिए गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। इस कार्रवाई में कम से कम 12 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है और ज्यादातर गोली लगने से जख्मी हुए हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, मुजफ्फराबाद में पांच, धीरकोट में पांच और दादयाल में दो प्रदर्शनकारी मारे गए। झड़पों के कारण तीन पाकिस्तानी पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं। हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि पाकिस्तान सरकार ने अतिरिक्त सैन्य बलों को तैनात कर दिया है।
HALA BOL HALA BOL!!
POK voices against the Pák occupying state and the forces are reaching across the borders, exposing Pak lies and hypocrisy on Kashmir!
The people of POJK don't have basic rights, no representation, no electricity and food prices are inflating, all while… pic.twitter.com/E3UIi0vjjS
— Fatima Dar (@FatimaDar_jk) September 29, 2025
यह विरोध प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमिटी (AAC) की अगुवाई में चल रहा है। आंदोलनकारियों की 38 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें पीओके विधानसभा की उन 12 सीटों को खत्म करना शामिल है जो पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा वे आटे और बिजली पर सब्सिडी, टैक्स में राहत और अधूरे पड़े विकास कार्यों की पूर्ति की मांग कर रहे हैं। 29 सितंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे पीओके में जिंदगी ठप कर चुका है। बाजार, दुकानें और कारोबार पूरी तरह बंद हैं। मोबाइल, इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाएं भी पूरी तरह ठप कर दी गई हैं।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में हजारों प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी करते और सेना की ओर से लगाए गए बड़े कंटेनरों को गिराते नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने “हुक्मरानों होश में आओ, हम तुम्हारा अंत हैं” और “कश्मीर हमारा है, फैसला हम करेंगे” जैसे नारे लगाए। जानकारों का कहना है कि दशकों में यह पहला मौका है जब पीओके के लोग सीधे पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ इतनी खुलकर नाराजगी जता रहे हैं।
स्थिति बिगड़ने के बीच इस समय लंदन में छुट्टियां मना रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफहैं, ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और एक वार्ता समिति गठित कर दी गई है। शरीफ ने सुरक्षा बलों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन हालात अभी भी बेकाबू हैं।
इसी बीच यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में उन्होंने चेतावनी दी कि पीओके में बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो सकता है।
यह हिंसा ऐसे समय सामने आई है जब पिछले हफ्ते खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान एयरफोर्स की हवाई कार्रवाई में 30 नागरिकों की मौत हुई थी। इससे पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ लोगों का गुस्सा और भी गहरा हो गया है।पीओके में जिस तरह से लोग सड़कों पर उतरकर पाकिस्तानी हुकूमत और सेना के खिलाफ नारे लगा रहे हैं, वह इस बात का संकेत है कि कश्मीर का यह हिस्सा अब पाकिस्तान के नियंत्रण को खुलकर चुनौती दे रहा है।
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