ओडिशा दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और देश के कई प्रमुख नेताओं ने शुभकामनाएं दीं और राज्य की उन्नति की कामना की। 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा को एक अलग प्रांत के रूप में स्थापित किया गया था। यह दिन राज्य की समृद्ध भाषा, संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के सम्मान में मनाया जाता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करते हुए लिखा, “ओडिशा दिवस पर लोगों को हार्दिक बधाई! यह ओडिशा की महान परंपराओं और इसके लोगों के उत्कृष्ट योगदान का जश्न मनाने का अवसर है। ओडिशा के मेहनती और मेहमाननवाज नागरिकों ने अपनी गौरवशाली संस्कृति को संरक्षित रखते हुए राज्य की प्रगति के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि ओडिशा ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अनेक महान विभूतियों को जन्म दिया। “मैं महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करती हूं कि ओडिशा शांति और समृद्धि की ओर निरंतर अग्रसर रहे,” उन्होंने कहा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लिखा, “ओडिशा अपनी समृद्ध विरासत, कलात्मक उत्कृष्टता और आध्यात्मिक भव्यता के लिए भारत में एक विशेष स्थान रखता है। राज्य निरंतर विकास और समृद्धि की ओर बढ़े, यही मेरी शुभकामनाएं हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ओडिशा के योगदान की सराहना करते हुए लिखा, “भारत को ओडिशा की गौरवशाली संस्कृति, साहित्य और संगीत पर गर्व है। ओडिशा के लोग मेहनती हैं और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्य की प्रगति के लिए केंद्र सरकार निरंतर सहयोग कर रही है।”
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर की सराहना करते हुए कहा, “ओडिशा समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। महाप्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद हमेशा राज्यवासियों के साथ बना रहे।”
ओडिशा न केवल अपनी समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर बल्कि आधुनिक विकास की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष ओडिशा दिवस पर पूरे राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों का आयोजन किया गया, जहां ओडिशा की समृद्ध परंपरा और आधुनिक उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया।
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