भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी तीन अन्य संस्थाओं पर कड़ा एक्शन लेते हुए भारतीय शेयर बाजार में उनके ट्रेडिंग पर रोक लगा दी है। साथ ही इन कंपनियों को 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश भी दिया गया है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी तीन अन्य संस्थाओं को भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक दिया है। सेबी के आदेश के मुताबिक, जिन कंपनियों पर यह प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें JSI2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड शामिल हैं।
इन संस्थाओं के बैंक खातों से डेबिट की सुविधा को भी फ्रीज कर दिया गया है, ताकि वे किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन न कर सकें। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और बाजार में कथित हेरफेर से जुड़े मामलों की गंभीरता को देखते हुए की गई है। सेबी ने इनके बैंक खातों को डेबिट फ्रीज करने का निर्देश भी जारी किया है, ताकि ये किसी भी तरह का लेन-देन न कर सकें।
सेबी की विस्तृत जांच में सामने आया कि 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच जेन स्ट्रीट ने भारतीय एक्सचेंजों पर इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग के जरिए 43,289.33 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया। सेबी ने यह भी पाया कि जेन स्ट्रीट ने कई बार बाजार की दिशा को जबरन प्रभावित किया।
उदाहरण के लिए, 17 जनवरी 2024 को, जेन स्ट्रीट ने सुबह के समय बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपए की आक्रामक खरीदारी की और साथ ही 32,115 करोड़ रुपए के बैंक निफ्टी ऑप्शंस बेचे दोपहर बाद, इन्हीं फ्यूचर्स में 5,372 करोड़ रुपए की बिकवाली की गई।
इस रणनीति से जेन स्ट्रीट ने ऑप्शंस ट्रेडिंग में 735 करोड़ रुपए का लाभ कमाया, जबकि नकद और फ्यूचर्स सेगमेंट में उन्हें सिर्फ 61.6 करोड़ का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, एक ही दिन में कंपनी को 673.4 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ।
सेबी ने इस व्यवहार को “बाजार में हेरफेर” करने जैसा माना और जेन स्ट्रीट की गतिविधियों को गैर-प्राकृतिक, अनुचित और लाभ के लिए बाजार को प्रभावित करने वाली रणनीति बताया। आदेश में कहा गया, “इन संस्थाओं को अब प्रतिभूति बाजार में किसी भी प्रकार की भागीदारी से रोका गया है। वे न तो सीधे और न ही परोक्ष रूप से कोई शेयर या प्रतिभूति खरीद-बेच सकते हैं।”
जेन स्ट्रीट एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म है, जिसकी उपस्थिति अमेरिका, यूरोप और एशिया में है। यह फर्म क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग और एल्गोरिदमिक बाजार रणनीतियों के लिए जानी जाती है। सेबी का यह कदम न सिर्फ जेन स्ट्रीट जैसी विदेशी संस्थाओं के लिए चेतावनी है, बल्कि भारतीय बाजारों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त संदेश भी है। भारतीय निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए सेबी द्वारा उठाया गया यह एक और बड़ा कदम है।
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