26 C
Mumbai
Friday, November 14, 2025
होमराजनीतिशशि थरूर बने ‘खतरों के खिलाड़ी’: भाजपा नेता शहज़ाद पूनावाला ने की...

शशि थरूर बने ‘खतरों के खिलाड़ी’: भाजपा नेता शहज़ाद पूनावाला ने की तारीफ!

गांधी परिवार को बताया ‘वेंजफुल’

Google News Follow

Related

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के वंशवादी राजनीति पर लिखे गए तीखे लेख ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। थरूर के इस लेख की भाजपा नेता शहज़ाद पूनावाला ने खुलकर तारीफ की है और उन्हें ‘खतरों के खिलाड़ी’ कहा है। हालांकि, पूनावाला ने चेतावनी भी दी कि वे थरूर के लिए प्रार्थना  कर रहे हैं क्योंकि “परिवार बहुत प्रतिशोधी है,” उनका संकेत स्पष्ट रूप से गांधी परिवार की ओर था।

थरूर का लेख, जिसका शीर्षक ‘Indian Politics Are a Family Business’ है, Project Syndicate में प्रकाशित हुआ है। इसमें उन्होंने भारत की वंशवादी पार्टियां जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक (DMK), शिवसेना ठाकरे गुट और समाजवादी पार्टी का उल्लेख करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब भारत को वंशवाद की जगह योग्यता आधारित राजनीति (Meritocracy) को अपनाना चाहिए।

पूनावाला, जो खुद कभी कांग्रेस में थे और अब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, ने सोमवार को एक पोस्ट में लिखा,“डॉ. थरूर अब खतरों के खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने सीधे तौर पर नेपो किड्स या नवाब्स ऑफ नेपोटिज़्म को चुनौती दी है। सर, जब मैंने 2017 में ‘नेपो नामदार राहुल गांधी’ को चुनौती दी थी, तब मेरे साथ क्या हुआ, आप जानते हैं। मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं, पहला परिवार बहुत वेंजफुल है।”

पूनावाला ने याद दिलाया कि उन्होंने 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को रिग्ड (धांधली भरा) कहा था और राहुल गांधी से उपाध्यक्ष पद छोड़ने की मांग की थी। इसी के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

भाजपा नेता ने थरूर के लेख को “बहुत सूझबूझ वाला (very insightful)” बताया और कहा कि वे सोच रहे हैं कि कांग्रेस सांसद को इतनी बेबाकी से बोलने के लिए क्या परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने लिखा,“थरूर का लेख इस बात पर सीधा हमला है कि भारत की राजनीति कैसे पारिवारिक व्यवसाय बन चुकी है। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे ‘नेपो किड्स’ को निशाने पर लिया है। यही वजह है कि नामदारों को प्रधानमंत्री मोदी जैसे ‘कामदार चायवाले’ से नफरत है।”

थरूर के लेख ने कांग्रेस के भीतर असहजता बढ़ा दी है। पार्टी सांसद प्रमोद तिवारी ने थरूर के विचारों का विरोध करते हुए कहा, “नेतृत्व हमेशा योग्यता से आता है। पंडित नेहरू देश के सबसे सक्षम प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने प्राणों की आहुति दी। इस परिवार जैसी निष्ठा और बलिदान किसने दिखाया? क्या भाजपा ने?”

राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि यह लेख थरूर और कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के बीच पहले से मौजूद तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा कर सकता है। थरूर पहले भी पार्टी में G-23 समूह के सदस्य रहे हैं, जिन्होंने 2022 में संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए।

हाल के महीनों में थरूर ने सरकार की आतंकवाद पर नीति और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र सरकार की प्रशंसा की थी, जिससे कांग्रेस में असहमति और बढ़ गई। दिलचस्प रूप से, सरकार ने उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक स्थिति पर विदेशों में प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया था, जबकि कांग्रेस ने उन्हें नामित नहीं किया।

कांग्रेस एक तरफ शशी थरूर को पार्टी से दरकिनार करने में लगी है, तो दूसरी तरफ थरूर कांग्रेस पार्टी में सुधार लाने के लिए परिवारवाद पर सीधा हमला कर रहें है।

यह भी पढ़ें:

मालदीव: 2007 के बाद जन्मे किसी व्यक्ति को नहीं मिलेगा सिगरेट, तंबाकू सेवन का अधिकार!

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा खुलासा — जुबिन गर्ग की मौत हादसा नहीं, हत्या

“न लालू प्रसाद का बेटा मुख्यमंत्री बनेगा, न सोनिया गांधी का बेटा प्रधानमंत्री”

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,771फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
281,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें