कमला हैरिस के कार्यालय पर गोलीबारी, असली हमला या ढोंग?

...यह ट्रंप की लोकप्रियता के डर से अपने पर करवाए झूठे हमलें है या फिर तो एजेंसियों और मीडिया के दूरव्यवहार तिल का ताड किया जा रहा है। 

कमला हैरिस के कार्यालय पर गोलीबारी, असली हमला या ढोंग?

Shooting at Kamala Harris's office, real attack or fake?

संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्राध्यक्ष के लिए चुनाव नजदीक हैं तब से संयुक्त राज्य अमेरिका में लगातार गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के दफ्तर पर गोलीबारी की घटना हुई है। सौभाग्य से, किसी को चोट नहीं आई।

डेमोक्रेटिक से राष्ट्राध्यक्ष पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के प्रचार कार्यालय पर गोलीबारी की गई है। टेम्पे पुलिस ने घटना की पुष्टि की है। चूंकि घटना रात में हुई, इसलिए कार्यालय में कोई नहीं था, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कार्यालय थोड़ा क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना से कार्यालय के कर्मचारियों आलावा आसपास के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। फिलहाल घटना की जांच चल रही है और घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस ने बताया है की कार्यालय कर्मचारियों और क्षेत्र के अन्य लोगों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

पिछले दो सप्ताह में कार्यालयों पर यह दूसरा ऐसा हमला है। किसी भी मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अमेरिकी इंटेलिजेंस के अनुसार ये हमले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच हुए हैं, इस बात को लेकर ख़ुफ़िया एजेंसी ने पार्टियों को चेतावनी भी दी है। हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्राध्यक्ष पद की उम्मीदवार कमला हैरिस पर दोनों बार हुए हमलों में न तो कोई पकड़ा गया है, न किसी को लक्ष्य कर गोलीबारी हुई है, फिर भी अमेरिकन मीडिया ने इसे कमला हैरिस पर हुआ हमला बताया है।

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वहीं रिबपब्लिक पार्टी के समर्थक तर्क दिया कि, जब ट्रंप पर हमले हुए थे तब आक्रमणकरियों को सुरक्षा बलों एवं एजेंसियों का सामना करना पड़ा उनमें से एक गिरफ्तार भी हुआ है। ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले केवल ट्रंप को लक्ष्य किया गया जिसमें वो बालबाल बचें है। इन हमलों में डेमोक्रेटिक पार्टी के दो लोग शामिल थे। वहीं जैसे की अमेरिकन लेफ्ट मीडिया इसे कमला हैरिस पर हमलें बता रहीं है वो दरसल कमला हैरिस को लक्ष्य कर नहीं हुए,हाल ही में हुआ हमले में पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया था, साथ ही किसीने चेतवानी भरा सन्देश भी नहीं छोड़ा है, इससे आप अंदाजा नहीं लगा सकते की हमला कमला पर हुआ था। इन हमलों में किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है, न किसी का नाम सामने आया है। ऐसे में या तो यह ट्रंप की लोकप्रियता के डर से अपने पर करवाए झूठे हमलें है या फिर तो एजेंसियों और मीडिया के दूरव्यवहार तिल का ताड किया जा रहा है।

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