महाराष्ट्र के ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव होना चाहिए। हालांकि,जिन जिलों में चुनाव की घोषणा की गई है वहां पर कोर्ट का आदेश लागू होगा। बुधवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस खानविलकर की बेंच ने स्पष्ट किया कि वार्ड पुनर्गठन के मुद्दे को चुनाव आयोग द्वारा देखा जाना चाहिए। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि दो सप्ताह में चुनावों की घोषणा होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में बनठिया आयोग के अनुसार चुनाव कराने का आदेश दिया है। पूर्व मुख्य सचिव जयंत कुमार बनठिया आयोग ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि चुनाव जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि 8 जुलाई को राज्य के 17 जिलों में 92 नगर पालिका परिषदों और चार नगर परिषद सदस्यों के चुनावों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। हालांकि, राज्य चुनाव आयोग ने इन 92 नगर परिषदों और चार नगर परिषदों के चुनाव रद्द करने का फैसला किया था। इसके बाद बुधवार को कोर्ट ने दो हफ्ते में चुनाव कराने का आदेश दिया। वहीं , सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आज राज्य में ठाकरे-पवार की सरकार होती तो ओबीसी आरक्षण की लड़ाई नहीं जीत पाते।
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