17 साल बाद बांग्लादेश लौटेंगे तारिक रहमान: खालिदा ज़िया के बेटे फरवरी चुनावों में डालेंगे निर्णायक असर ?

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बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के बड़े बेटे तारिक रहमान 17 वर्षों के आत्मनिर्वास के बाद देश लौटने जा रहे हैं। 60 वर्षीय तारिक रहमान, जिन्हें कभी बांग्लादेश की राजनीति का डार्क प्रिंस कहा जाता था, 25 दिसंबर को यूनाइटेड किंगडम से ढाका पहुंचने वाले हैं। उनकी वापसी ऐसे समय में हो रही है, जब देश फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों की तैयारी कर रहा है।

BNP ने तारिक रहमान की वापसी को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी की है। पार्टी का दावा है कि ढाका में उनके स्वागत के लिए लगभग 50 लाख लोगों की भीड़ जुटाई जाएगी। यह वापसी न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने वाली मानी जा रही है, बल्कि इसे आगामी चुनावों के लिहाज़ से भी बेहद अहम माना जा रहा है।

तारिक रहमान पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जनरल ज़ियाउर रहमान के बड़े बेटे हैं। वे पिछले 17 वर्षों से ब्रिटेन में रह रहे थे। वर्ष 2004 के ढाका ग्रेनेड हमले के मामले में अक्टूबर 2018 में उन्हें 18 अन्य लोगों के साथ उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। 21 अगस्त 2004 को अवामी लीग की एक रैली पर हुए ग्रेनेड हमले में 24 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। उस समय की प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया थीं।

बाद में 2007 में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान तारिक रहमान को गिरफ्तार किया गया। 2008 में इलाज के लिए उन्हें लंदन जाने की अनुमति मिली, जिसके बाद वे वहीं रह गए और निर्वासन से ही BNP का नेतृत्व करते रहे। मई 2023 में ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट श्रृंखला में उन्हें डार्क प्रिंस बताते हुए भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति के गंभीर आरोप लगाए गए थे। वर्ष 2023 में उन्हें अवैध संपत्ति अर्जित करने के एक मामले में अनुपस्थिति में नौ साल की सज़ा भी सुनाई गई थी।

अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद शेख़ हसीना सरकार के पतन से तारिक रहमान की कानूनी स्थिति में बड़ा बदलाव आया। इसके बाद उन्हें 2004 ग्रेनेड हमला, मनी लॉन्ड्रिंग, देशद्रोह और ज़िया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े मामलों सहित सभी 84 मामलों में बरी कर दिया गया।

लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान तारिक रहमान ने कहा, “मैं अपने देश लौट रहा हूं और इसके लिए आपका आशीर्वाद चाहता हूं। 25 दिसंबर को, इंशाअल्लाह, आपके और अल्लाह के आशीर्वाद से मैं बांग्लादेश लौटूंगा।” उन्होंने समर्थकों से आग्रह किया कि वे उनके प्रस्थान के दिन हीथ्रो एयरपोर्ट न आएं, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो और पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचे। BBC बांग्ला को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “लोग जिस चुनाव का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे, वह अब सामने है। ऐसे समय में मैं खुद को देश से दूर नहीं रख सकता।”

12 फरवरी 2026 को होने वाले आम चुनावों से पहले तारिक रहमान की वापसी को BNP के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी, जमीनी स्तर पर अपराधों के आरोप और खालिदा ज़िया की गंभीर बीमारी के बीच तारिक रहमान की मौजूदगी को नेतृत्व का विकल्प माना जा रहा है।

विश्लेषकों का कहना है कि उनकी वापसी से BNP के कोर समर्थकों में ऊर्जा आएगी, लेकिन असली चुनौती फ्लोटिंग वोटर्स को साधने की होगी। अमेरिका स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट के प्री-पोल सर्वे के मुताबिक, BNP को 33 प्रतिशत समर्थन मिलने का अनुमान है, जबकि जमात-ए-इस्लामी 29 प्रतिशत के साथ कड़ी टक्कर में है।

तारिक रहमान की भौतिक मौजूदगी जनता से मिलना, धार्मिक स्थलों का दौरा करना और खुले मंचों से संबोधन BNP को विश्वसनीयता दिला सकती है। यह देखना अभी बाकी है कि क्या उनकी वापसी वास्तव में चुनावी समीकरण बदल पाएगी, लेकिन इतना तय है कि 17 साल बाद उनकी घर वापसी ने बांग्लादेश की राजनीति को नई हलचल दे दी है।

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