कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने प्यू रिसर्च सेंटर की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें भारत को विश्व के लोकतांत्रिक देशों की सूची में दूसरा स्थान दिया गया है। उन्होंने इस रिपोर्ट को बकवास और मैनेजमेंट का नतीजा बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी।
उदित राज ने कहा, “यह बकवास का रिसर्च है। यहां लोकतंत्र खत्म हो चुका है। जो विरोध करता है, उसे ईडी, सीबीआई से डराया जाता है या जेल में डाल दिया जाता है। हम चुनाव नहीं जीत पा रहे क्योंकि धांधली से जीत हो रही है। महाराष्ट्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।”
उन्होंने दावा किया कि विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है, और सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। प्रेस की स्वतंत्रता पर भी उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, “जब प्रेस स्वतंत्रता में भारत 142वें स्थान पर है तो लोकतंत्र में दूसरा स्थान कैसे मिल गया? यह सब मैनेजमेंट है। जिस संस्था ने यह सर्वे किया है, उसे बंद कर देना चाहिए।”’
नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की अमेरिका में गिरफ्तारी पर भी उदित राज ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “जब तक नेहल मोदी भारत नहीं आता और उसे सजा नहीं होती, तब तक इसे उपलब्धि नहीं कहा जा सकता। भारत की रिक्वेस्ट पर कुछ नहीं होता, ये सब अखबारों की सुर्खियों के लिए किया जाता है।”
उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में पीएम मोदी ने कहा था कि दोषियों को “गेट तक खींच लाए हैं”, लेकिन नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या अब तक कानून के शिकंजे से बाहर हैं। उन्होंने आशंका जताई कि नेहल मोदी को भी छोड़ा जा सकता है।
जब उनसे पूछा गया कि इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था, तो क्या वह तानाशाह थीं या पीएम मोदी, तो उदित राज ने जवाब दिया, “वो तो घोषित इमरजेंसी थी, लेकिन आज जो हो रहा है वह अघोषित आपातकाल है, जो ग्यारह साल से चल रही है। आज विपक्ष और आम जनता के लिए दमन का दौर है।” पाकिस्तान के साथ संभावित युद्ध की स्थिति पर उदित राज ने कहा कि भारत का अंतरराष्ट्रीय समर्थन लगातार कमजोर हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि युद्ध होता है तो एक भी देश भारत के साथ खड़ा नहीं होगा।
बिहार में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या पर राहुल गांधी की टिप्पणी का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने जो कहा बिल्कुल सही है। पटना आज अपराध की राजधानी बन गया है। वीआईपी इलाके में हत्याएं हो रही हैं और अपराधी अब तक पकड़े नहीं गए हैं, ऐसे में सवाल तो उठेगा ही।” डॉ. उदित राज के इन तीखे बयानों से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि लोकतंत्र, न्यायिक संस्थाएं, और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर विपक्ष सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहा है।
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