केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता के धर्मतला में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला|हमने देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू करने का भी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। इस मौके पर अमित शाह ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर घुसपैठ हो रही है और इस घुसपैठ के कारण राज्य का कभी विकास नहीं होगा|
गृह मंत्री शाह ने कहा, असम के लोग वहां भाजपा की सरकार लेकर आए, अब उनकी सीमा से एक तितली भी यहां (भारत में) नहीं उड़ सकती,लेकिन बंगाल की स्थिति अलग है| बंगाल में कुछ लोग सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि अगर आप बंगाल में घुस आए हैं और आधार कार्ड, भारतीय वोटर आईडी कार्ड पाना चाहते हैं तो फलां नंबर पर कॉल करें, लेकिन, बंगाल पुलिस इस बात से नाराज है|
अमित शाह ने दर्शकों से कहा, मुझे बताइए, क्या जिस राज्य में इतनी घुसपैठ हो, वहां विकास हो सकता है? इसीलिए ममता बनर्जी सीएए का विरोध कर रही हैं,लेकिन आज मैं इस सार्वजनिक सभा से ममता दीदी को बता रहा हूं, सीएए इस देश का कानून है। इसे कोई नहीं रोक सकता| सीएए लागू करके ही हम सुरक्षित रहेंगे।’
नागरिकता संशोधन अधिनियम वास्तव में क्या है?: केंद्र सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और अफगानिस्तान से भारत में घुसपैठ को रोकने की कोशिश कर रही है।सीएए इसी का एक हिस्सा है. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 में प्रावधान है कि धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। श्रीलंका में तमिलों, म्यांमार में मुसलमानों और पाकिस्तान में मुसलमानों के अन्य समुदायों को इस कानून का लाभ नहीं मिलेगा।
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