प्रशांत कारुलकर
कल बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भारत को एक “असाधारण सफलता की कहानी” बताया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने विभिन्न सहयोगी देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए, ब्लिंकेन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और अमेरिका के बीच चर्चा में लगातार लोकतंत्र और मानवाधिकारों के महत्व पर जोर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं, जो उनके राजनयिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
“हम एक असाधारण सफलता की कहानी देखते हैं और हम पीएम मोदी द्वारा अपनी निगरानी में हासिल की गई उल्लेखनीय उपलब्धियों को देखते हैं, जिन्होंने मित्र देशों को बहुत लाभ पहुंचाया है और उन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। हम अपने देशों के बीच भी एक नए मुकाम पर पहुंचे रिश्ते को देखते हैं। यह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बाइडेन दोनों का एक बहुत ही सचेत प्रयास रहा है।” ब्लिंकेन ने कहा, “वहीं, हमारी बातचीत का एक निरंतर और नियमित हिस्सा लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में बातचीत है।”
ब्लिंकेन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रही है। यह माना जा रहा है कि अमेरिका से मिली इस सराहना से भाजपा को चुनाव अभियान में बल मिलेगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अमेरिका सरकार भाजपा की तरफदारी कर रही है।
यह उल्लेखनीय है कि भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ वर्षों में रणनीतिक साझेदारी काफी मजबूत हुई है। दोनों देश चीन, रक्षा, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर करीबी से सहयोग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में एक नया युग आया है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है और दोनों देश चीन, रक्षा, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर करीबी से सहयोग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में अमेरिका की तीन बार यात्रा की, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए सबसे अधिक है। उन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा और राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों के साथ व्यक्तिगत संबंध विकसित किए।
2023 में, प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडेन के साथ एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को “प्राथमिकता” के रूप में घोषित किया और क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
रक्षा: भारत और अमेरिका ने रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौते किए हैं। इनमें से एक समझौता 2020 में हुआ था, जिसमें भारत को अमेरिका से 30 अरब डॉलर की सैन्य उपकरणों की बिक्री की अनुमति दी गई थी।
चीन: भारत और अमेरिका दोनों चीन को एक बढ़ता हुआ खतरा मानते हैं। दोनों देश चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को सीमित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
आतंकवाद: भारत और अमेरिका दोनों आतंकवाद को एक प्रमुख वैश्विक खतरा मानते हैं। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन कर रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन: भारत और अमेरिका दोनों जलवायु परिवर्तन को एक प्रमुख वैश्विक चुनौती मानते हैं। दोनों देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों में एक मजबूत गति है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है और दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर करीबी से सहयोग कर रहे हैं।
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