अमर उजाला के प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘संवाद’ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और राज्य के विकास को “स्वर्णिम कालखंड” बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का गंगा मैया से आत्मिक संबंध है, इसलिए वे उन्हें ‘गंगा पुत्र’ भी कहते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की आपदाओं, शीतकालीन पर्यटन, एलिवेटेड सड़क, केदारनाथ-हेमकुंड रोपवे, सतत विकास लक्ष्य, और यूसीसी जैसे विषयों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि भू-कानून निवेश में बाधा नहीं बल्कि राज्य की अस्मिता की सुरक्षा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को 11 वर्षों की ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं देते हुए उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थी। देश-दुनिया के उद्यमियों को बुलाया। हमने उससे पहले यहां की इंडस्ट्री के लोगों के साथ संवाद किया। उन्हें कोई परेशानी तो नहीं। उनके सुझाव के आधार पर हमने 25 नई पॉलिसी बनाई। हमें दो से ढाई लाख करोड़ की उम्मीद थी लेकिन तीन लाख 54 हजार करोड़ के एमओयू हुए। 90 हजार करोड़ की योजनाओं की ग्राउंडिंग हो गई। इससे अच्छा आंकड़ा आ सकते हैं। हम ग्राउंडिंग सेरेमनी भी करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि भू-कानून से निवेशकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोग यहां जमीन लेकर दुरुपयोग करते थे। हमने उसे रोकने, राज्य के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए ये कानून लाए हैं। सीएम धामी ने कहा कि भू-कानून से निवेशकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोग यहां जमीन लेकर दुरुपयोग करते थे। हमने उसे रोकने, राज्य के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए ये कानून लाए हैं।
यूसीसी पर सीएम धामी ने कहा कि देश में पिछले कई माह से इस पर चर्चा हो रही है। समान नागरिक संहिता का प्रावधान भारत के संविधान में किया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है कि राज्य इसको लागू कर सकते हैं। हमने संविधान सम्मत काम किया है। त्वरित काम करने के लिए जनता ने हमें मैनडेट दिया। अपना आशीर्वाद दिया।
सीएम धामी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा 2022 में विधानसभा का चुनाव हुआ। चुनाव में जाते समय हमने देवभूमि उत्तराखंड के लोगों के सामने अपना संकल्प रखा। हमने वचन दिया कि हमारी सरकार गठित होती है, आप हमें मौका देंगे तो हम सबसे पहले उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए शुरुआत करेंगे। इसके पीछे हमने कुछ कारण भी गिनवाए। हमने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है।
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