वक्फ संशोधन विधेयक अभी भी अधूरा, वकील विष्णु शंकर जैन ने बताई खामियां

"हमने ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि से इसकी शुरुआत की है और भविष्य में भी ऐसे कदम उठाते रहेंगे।"

वक्फ संशोधन विधेयक अभी भी अधूरा, वकील विष्णु शंकर जैन ने बताई खामियां

Wakf Amendment Bill is still incomplete, lawyer Vishnu Shankar Jain pointed out the flaws

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को अधूरा बताते हुए इसमें मौजूद कमियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम तो माना, लेकिन साथ ही इस पर और काम करने की जरूरत बताई।

बिल में किए गए अहम बदलाव:
जैन ने बताया कि नए विधेयक में वक्फ की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले इसमें ‘उपयोगकर्ता’ शब्द जोड़ा गया था, जिससे कई विवाद खड़े हो रहे थे। अब इसे हटा दिया गया है, जिससे कानूनी अस्पष्टता दूर होगी। इसके अलावा, वक्फ बोर्ड को पहले यह अधिकार था कि वह किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता था, जिससे निजी संपत्तियों पर विवाद बढ़ जाते थे। विधेयक में इस प्रावधान को हटा दिया गया है, जिससे संपत्ति मालिकों को राहत मिलेगी।

विधेयक में अब भी क्या है कमी?:
हालांकि, जैन का मानना है कि यह विधेयक अभी भी अधूरा है। उनके अनुसार, जो निजी संपत्तियां पहले गलत तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित कर दी गई थीं, उन्हें वापस लेने का कोई कानूनी प्रावधान इसमें नहीं जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्तियों को लेकर स्थिति अलग हो सकती है, लेकिन निजी संपत्ति मालिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस मुद्दे पर और काम करने की जरूरत है।

ज्ञानवापी और औरंगजेब की विरासत पर बड़ा बयान:
जैन ने ज्ञानवापी मामले को लेकर भी बयान दिया। वे आज मां श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए जा रहे हैं और इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे मंदिर की मुक्ति के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। साथ ही, उन्होंने औरंगजेब की विरासत को इतिहास से मिटाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “हमने ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि से इसकी शुरुआत की है और भविष्य में भी ऐसे कदम उठाते रहेंगे।”

विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, वक्फ संशोधन विधेयक में कई अहम बदलाव किए गए हैं, लेकिन यह अभी भी पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है। खासकर निजी संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर इसमें और संशोधन किए जाने की जरूरत है। वहीं, ज्ञानवापी मामले और औरंगजेब की विरासत को लेकर भी उनका रुख स्पष्ट है कि वे इस कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाते रहेंगे।

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