राजस्थान के कोटा स्थित बख्शी स्प्रिंगडेल्स स्कूल का एक वीडियो सामने आने के बाद विवाद गहराता जा रहा है, जिसमें स्कूल असेंबली के दौरान हिंदू छात्रों को इस्लामिक कलमा (इस्लामिक आस्था की घोषणा) पढ़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो वायरल होते ही हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया है, जिन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
विवादित वीडियो में छात्र स्कूल की प्रार्थना सभा के दौरान “कलमा” पढ़ते नजर आ रहे हैं। इसे लेकर हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि स्कूल में बच्चों पर एक विशेष धर्म का प्रभाव थोपा जा रहा है और यह शिक्षा के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के खिलाफ है।
Kalma"La ilaha illallah" which literally means "there is no god but Allah" is being taught in Kota schools pic.twitter.com/mIFk5SJzYC
— Hindutva Vigilant (@VigilntHindutva) July 3, 2025
स्कूल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि यह वीडियो कई साल पुराना है और एक वार्षिकोत्सव के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। स्कूल के निदेशक ने बताया कि पिछले 30 वर्षों से स्कूल में ‘सर्व धर्म प्रार्थना’ की परंपरा रही है, जिसमें सभी धर्मों की प्रार्थनाएं पढ़ी जाती हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है। कोटा के मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम ने स्कूल का दौरा किया और छात्रों से बातचीत की। जिला शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा, “हमें एक वीडियो मिला था जिसमें किसी विशेष धर्म की प्रार्थना करते हुए छात्र नजर आ रहे हैं। इसके तुरंत बाद जांच कमेटी बनाई गई। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। चूंकि यह CBSE से मान्यता प्राप्त स्कूल है, इसलिए रिपोर्ट बोर्ड को भी भेजी जाएगी।”
हिंदू संगठनों की चेतावनी:
जांच शुरू होने के बावजूद मामला शांत होता नहीं दिख रहा। कई हिंदू संगठनों ने इसे जबरन धार्मिक थोपने का मामला बताया है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। संगठनों का कहना है कि यह मामला केवल एक वीडियो तक सीमित नहीं है बल्कि इससे शिक्षा के नाम पर बच्चों के मानसिक निर्माण में धार्मिक पक्षपात का संकेत मिलता है।
यह घटना राज्य में शिक्षा और धर्मनिरपेक्षता के संतुलन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है,वो भी ऐसे दौर में जब हिंदू समाज लगातार ज़बरन धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद, आतंकवादी हमले, और लोगों को फुसलाकर किए जाने वाले धर्मांतरण से ग्रस्त हो चूका है। इसके आलावा हिंदू समाज में सरकारी योजनाओं में विषमस्तर पर मुस्लिम तुष्टिकरण की नीतिओं के लिए भी आक्रोश दिखा है, ऐसे में पीडित हिंदू समुदाय के बच्चों को सर्वधर्म समभाव के नाम पर कलमा सिखाना कितना उचित है ?
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