पुरी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। 27 जून को होने वाली इस ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा के लिए तीनों रथों – भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष, भगवान बलभद्र का तालध्वज और देवी सुभद्रा का दर्पदलन – का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। पूरी परंपरा, श्रद्धा और कौशल के साथ इन रथों को तैयार किया जा रहा है।
मुख्य बढ़ई (महाराणा) और उनके सहायक दिन-रात काम कर रहे हैं। अब तक रथ की तीसरी परत ‘अग भुईं’ को जोड़ा जा चुका है और ऊपरी हिस्से के लिए मजबूत लकड़ी के खंभे भी लगाए जा चुके हैं। रथों के ढांचे, पहियों और धुरी को लोहे की प्लेट और बोल्ट के ज़रिए मजबूती दी जा रही है। नक्काशी और सजावट की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है—जिसमें बढ़ई कलाकार पारंपरिक चित्रों को उकेर रहे हैं और चित्रकार रथों पर प्राइमर कोटिंग के बाद डिज़ाइन पेंट कर रहे हैं। मूर्तिकारों द्वारा दरवाज़ों और अन्य हिस्सों पर देवी-देवताओं की सुंदर आकृतियाँ उकेरी जा रही हैं।
इस बार रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं, पर्यटकों और वीआईपी मेहमानों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को अत्यंत सुदृढ़ बनाया जा रहा है। रविवार को पुरी के बलियापंदा क्षेत्र स्थित स्वास्ति होटल में एक विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आतंकी खतरे की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि स्पेशल टैक्टिकल यूनिट ने 10 अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर यह मॉक ड्रिल की। उन्होंने कहा, “किसी तरह के हमले की स्थिति में वीआईपी गेस्ट को सुरक्षित बाहर निकालने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर यह अभ्यास किया गया। सभी एजेंसियों ने समन्वय के साथ अभ्यास को सफल बनाया है।”
सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और तैयारियों के बीच, धार्मिक नगरी पुरी में श्रद्धा और परंपरा का संगम एक बार फिर देखने को मिलेगा। रथ यात्रा के दिन लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचेंगे, और भगवान जगन्नाथ के दिव्य रथ को खींचने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे। प्रशासन और कलाकारों की मेहनत से यह आयोजन एक बार फिर विश्व मंच पर भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की भव्य झलक प्रस्तुत करेगा।
यह भी पढ़ें:
इजरायल-ईरान युद्ध: ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ के तहत बड़े हमले!
ईरानी मिसाइल हमलों में 10 की मौत, 200 से अधिक घायल
तिरुवनंतपुरम में उतरा ब्रिटिश फाइटर जेट !
एयर इंडिया हादसा: पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की डीएनए से हुई पहचान, परिजनों को सौंपा गया शव
