ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की। हरभजन सिंह का ऐतिहासिक पल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच है। उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला में 3 मैचों में 32 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया था। हरभजन सिंह आईपीएल केकेआर, मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेल चुके हैं। टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन सिंह 21 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन में हैट्रिक लेकर भारत की जीत दिलाई थी।
हरभजन सिंह का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2016 में यूएई के खिलाफ में एशिया टी 20 खेला था। हरभजन ने 103 टेस्ट में 417 विकेट लिए हैं। टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वालों की सूची में चौथे नंबर पर है। हरभजन सिंह उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो 2007 (T20) और 2011 में भारत की ऐतिहासिक विश्व कप जीत का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 2011 में स्पिन-गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करते हुए उद्घाटन T20 विश्व कप में कठिन चरणों में गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लिए। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराने से पहले सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को मात दी।
हरभजन सिंह ने ट्वीट कर लिखा, सभी अच्छी चीजें समाप्त को जाती हैं, और आज मै उस खेल विदा ले रहा हूं, जिसने मुझे सब कुछ दिया। मै सभी का शुक्रगुजार हूं। आप सभी का आभार, इस 23 साल की लम्बी यात्रा को सुंदर और यादगार बनाया। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए पिछले आईपीएल के पहले चरण के दौरान कुछ मैचों में भाग लेने वाले 41 वर्षीय हरभजन ने लीग के यूएई चरण में एक भी मैच नहीं खेला। हरभजन ने हमेशा खिलाड़ियों को तैयार करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है और मुंबई इंडियंस के साथ अपने बाद के वर्षों में भी उनकी यही भूमिका थी।
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