वहीं 2011 में जब भारतीय टीम ने विश्वकप जीता था उस समय बीसीसीआई ने टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों को दो दो करोड़ रुपये दिए गए थे। इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी खिलाडियों को पुरस्कृत किया था। 2011 में विश्वकप की कुल इनामी राशि 66 करोड़ थी। खिताब जीतने के बाद टीम इंडिया को 25 करोड़ रुपये की रकम आईसीसी द्वारा दी गई थी। जबकि उपविजेता टीम रही श्रीलंका को 12 करोड़ रुपये दिया गया था। बाकी की रकम को अन्य टीमों में नियमानुसार बांटा गया था।
इस बार, विश्वकप जीतने वाली टीम को आईसीसी द्वारा 33. 17 करोड़ रूपये पुरस्कार के रुप में दिया जाएगा। जबकि उपविजेता टीम को आधी राशि दी जाएगी। सेमीफाइनल की दोनों टीमों को 6. 63 करोड़ रुपये दी जाएगी। बहरहाल, आज बीसीसीआई सबसे अमीर है लेकिन 1983 में विश्वकप जीतने वाली टीम को पुरस्कार देने के लिए पैसे नहीं थे। तब बीसीसीआई ने लता मंगेशकर से मदद मांगी थी। तब दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में संगीत का कार्यक्रम रखा गया था। इससे 20 लाख रुपये एकत्रित हुए जिसे भारतीय खिलाड़ियों में बांट दिया गया था।
इसके बाद बीसीसीआई ने यह निर्णय किया था कि लता मंगेशकर के लिए प्रत्येक स्टेडियम में एक सीट रिजर्व रहेगी। 2003 में जब लता मंगेशकर को अपने अस्पताल के लिए पैसों की जरूरत थी, तब बीसीसीआई ने चैरिटी मैच खेला था जो श्रीलंका के खिलाफ खेला गया था इससे मिलने वाली राशि को लता मंगेशकर के पिता की याद में बनाया गया दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल को दिया गया था।
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