रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारत की अगली टेस्ट कप्तानी को लेकर चर्चाओं का दौर तेज़ है। इस बीच भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने एक दिलचस्प सुझाव देते हुए तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को टेस्ट टीम की कमान सौंपने की वकालत की है।
जहां केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे नाम कप्तानी की दौड़ में माने जा रहे हैं, वहीं गावस्कर का मानना है कि बुमराह इस ज़िम्मेदारी के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि बतौर कप्तान, बुमराह अपनी गेंदबाज़ी के कार्यभार को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और नियंत्रित कर सकेंगे।
स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत में गावस्कर ने कहा, “खुद से बेहतर कौन जान सकता है कि उसका कार्यभार क्या है? अगर आप किसी और को नियुक्त करते हैं, तो वे हमेशा बुमराह से एक अतिरिक्त ओवर चाहेंगे। अगर वह आपका नंबर 1 गेंदबाज है, तो वह खुद ही जान जाएगा कि ‘हां, यह वह समय है जब मुझे ब्रेक लेना चाहिए’। मेरे हिसाब से, यह सिर्फ जसप्रीत बुमराह ही हो सकता है।”
बुमराह की फिटनेस को लेकर पिछले वर्षों में चिंता बनी रही है। लगातार क्रिकेट खेलने और तीनों प्रारूपों में एक्टिव रहने के कारण उन्हें चोटों का सामना करना पड़ा है। लेकिन गावस्कर को लगता है कि कप्तान बनने पर बुमराह अपने शरीर की ज़रूरतों को और अच्छे से समझ पाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, “मुझे पता है कि उनके कार्यभार और इस तरह की अन्य बातों को लेकर इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए ताकि उन्हें पता हो कि कितने ओवर गेंदबाजी करनी है, कब उन्हें आराम देना है। यह सबसे अच्छी बात होगी।”
गावस्कर ने टेस्ट शेड्यूल का हवाला देते हुए कहा कि प्रारूप के बीच पर्याप्त अंतर होता है, जिससे बुमराह को रिकवरी का समय भी मिल जाएगा। “उन्हें शायद कोई टेस्ट मैच मिस न करना पड़े। अगर आप उन्हें यह जिम्मेदारी देते हैं, तो उन्हें पता चल सकता है कि कब रुकना है, इससे पहले कि उनके शरीर में परेशानी होने लगे। मेरे हिसाब से, उन्हें यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। पहले टेस्ट के बाद, आठ दिन का अंतराल होता है। ठीक होने के लिए पर्याप्त समय होता है। फिर, दो बैक-टू-बैक टेस्ट मैच होते हैं। यह ठीक है। फिर एक और अंतराल होता है।”
बता दें कि बुमराह ने भारत के लिए टेस्ट कप्तानी की है। इंग्लैंड दौरे पर बर्मिंघम टेस्ट में उन्होंने रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में टीम की अगुवाई की थी। इसके अलावा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारत को 295 रनों से ऐतिहासिक जीत दिलाई थी, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रनों के लिहाज़ से भारत की सबसे बड़ी जीत रही।
गावस्कर का यह सुझाव निश्चित ही चयनकर्ताओं के सामने एक गंभीर विचार के रूप में सामने आएगा, क्योंकि बुमराह न केवल टीम के सबसे भरोसेमंद तेज़ गेंदबाज़ हैं, बल्कि अब एक परिपक्व लीडर के रूप में भी उभर रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
रोहित और विराट का 2027 वनडे विश्व कप खेलना मुश्किल : सुनील गावस्कर
पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा समीक्षा के लिए राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक
