अगर आप सोचते हैं कि रोमांचकारी जंगल सफारी के लिए सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही सबसे बेहतरीन विकल्प है, तो ज़रा ठहरिए। भारत में भी कुछ ऐसे अद्भुत जंगल हैं जो न केवल जीव-जंतुओं की विविधता में समृद्ध हैं, बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए विश्व स्तर पर सराहे जाते हैं। यहाँ हम बात कर रहे हैं भारत के उन पाँच जंगलों की जो किसी भी अफ्रीकी सफारी से कम नहीं, बल्कि कहीं ज़्यादा रहस्यमयी, रोमांचकारी और यादगार हैं।
1. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड — हिमालय की तलहटी में बाघों की दुनिया
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में फैला जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। 1936 में स्थापित यह पार्क ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का प्रारंभिक स्थल भी रहा है। 500 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला यह जंगल साल के घने पेड़ों, नदियों और दलदलों से भरा हुआ है। यहाँ हाथियों के झुंड, तेंदुए, भालू और खासतौर पर रॉयल बंगाल टाइगर की झलक मिलती है। धिकाला जोन टाइगर सफारी के लिए सबसे प्रसिद्ध है। जीप और हाथी सफारी यहाँ पर्यटकों को जंगल के गहरे रहस्यों तक पहुँचाती है। साथ ही, 600 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ इसे बर्ड वॉचर्स के लिए भी स्वर्ग बना देती हैं।
2. रणथंभौर नेशनल पार्क, राजस्थान — बाघों के बीच बसा ऐतिहासिक वैभव
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क का परिदृश्य रेत, पत्थर और शुष्क जंगलों से भरा है, लेकिन यही इसे अनोखा बनाता है। कभी राजाओं का शिकार स्थल रहा यह पार्क आज देश के सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिज़र्व में गिना जाता है। यहाँ का रणथंभौर किला जंगल के मध्य स्थित है, जो इस सफारी को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी देता है। लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस उद्यान में बाघों के साथ-साथ नीलगाय, सांभर हिरण, तेंदुए और मगरमच्छ भी पाए जाते हैं। यहाँ के बाघ अपने खुले व्यवहार और दिन के उजाले में दिखने के लिए जाने जाते हैं, जिससे यह स्थान फोटोग्राफरों का स्वर्ग बन गया है।
3. बांधवगढ़ नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश — बाघों की घनता में देश में सबसे आगे
बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के विंध्य पर्वतों में बसा है और देश में बाघों की सबसे अधिक घनता के लिए प्रसिद्ध है। इसका नाम बांधवगढ़ किले से लिया गया है, जो जंगल के बीच एक ऊँचे टीले पर स्थित है। यह पार्क 1,100 वर्ग किलोमीटर में फैला है और यहाँ के तला, मगधी और खितौली जोन बाघों के लिए जाने जाते हैं। यहाँ का प्राकृतिक परिदृश्य — ऊँचे-नीचे टीले, घास के मैदान और घने जंगल — हर सफारी को रोमांचकारी बनाता है। इसके अलावा तेंदुए, भालू, चीतल और 250 से अधिक पक्षी भी यहाँ पाए जाते हैं। बांधवगढ़ की सफारी में जब बाघ जंगल की पगडंडी पर चलता है या किसी जलधारा के पास विश्राम करता है, तो वो पल जीवन भर के लिए स्मृति में बस जाता है।
4. काज़ीरंगा नेशनल पार्क, असम — एक सींग वाले गैंडों का साम्राज्य
पूर्वोत्तर भारत के असम में स्थित काज़ीरंगा नेशनल पार्क दुनिया भर में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के लिए जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र की बाढ़ भूमि पर फैले इस पार्क में ऊँची हाथी घास, दलदली क्षेत्र और नम पर्णपाती वन हैं, जो इसे जैव विविधता से भरपूर बनाते हैं। यहाँ 2,400 से अधिक एक सींग वाले गैंडे, हाथियों के झुंड, जंगली भैंसे, दलदली हिरण और कई बाघ भी पाए जाते हैं। साथ ही, यह पक्षियों के प्रेमियों के लिए भी बेहतरीन स्थान है, क्योंकि यहाँ हजारों प्रवासी पक्षी सर्दियों में आते हैं। जीप सफारी और हाथी की सवारी के माध्यम से यहाँ के विशाल घास के मैदानों में इन विशाल जानवरों को करीब से देखने का रोमांच अनोखा होता है।
5. सुंदरबन नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल — नाव पर सफारी, बाघों की छाया में
सुंदरबन सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी संसार है जो नदियों, कीचड़ और मैन्ग्रोव वनों से बना है। यहाँ पारंपरिक जीप सफारी की जगह नाव सफारी होती है, जो इसे एक अलग ही अनुभव बनाती है। दुनिया का सबसे बड़ा मैन्ग्रोव वन होने के साथ-साथ यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। यहाँ के रॉयल बंगाल टाइगर जल में तैरने की अद्भुत क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन जंगली इलाकों में जब नाव धीरे-धीरे चलती है और चारों ओर सन्नाटा पसरा होता है, तो कभी भी किनारे पर एक बाघ दिखाई दे सकता है — एक ऐसा दृश्य जो रोंगटे खड़े कर देता है। इसके अलावा यहाँ खारे पानी के मगरमच्छ, चीतल, मछली बिल्ली और अनेकों पक्षी भी देखने को मिलते हैं।
दक्षिण अफ्रीका भले ही अपनी जंगल सफारी के लिए प्रसिद्ध हो, लेकिन भारत के ये पाँच जंगल न केवल रोमांच में उससे कम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, भौगोलिक और जैव विविधता के मामले में कहीं ज़्यादा समृद्ध और अद्वितीय हैं। अगर आप अगली बार किसी जंगल सफारी की योजना बना रहे हैं, तो विदेश जाने से पहले भारत के इन प्राकृतिक रत्नों को ज़रूर देखें — शायद आपको जंगल की असली आत्मा यहीं मिल जाए।