गुजरात में अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने मंगलवार से सार्वजनिक सड़कों के किनारे ठेलों पर नॉनवेज खाने का सामान बेचने पर बैन लगा दिया है। हालांकि इस पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार को लोगों की अलग-अलग खान-पान की आदतों से कोई समस्या नहीं है। साथ ही पटेल ने कहा, ‘अस्वच्छ’ भोजन बेचने वाले या शहर की सड़कों पर यातायात में बाधा डालने वाले स्ट्रीट फूड कार्ट के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
पटेल ने आणंद जिले के बंधनी गांव में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “कुछ लोग शाकाहारी खाना खाते हैं, कुछ लोग मांसाहारी खाना खाते हैं, भाजपा सरकार को इससे कोई समस्या नहीं है। सड़क से विशेष ‘लारी’ (गाड़ियां) हटाने की मांग की गई है।”हमारी एकमात्र चिंता यह है कि, खाने की गाड़ियों से बेचा जाने वाला खाना अस्वच्छ नहीं होना चाहिए।” सीएम ने कहा कि यदि स्थानीय निकाय सड़क यातायात में बाधा डालते हैं तो खाद्य गाड़ियां हटाने का निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने कहा, “स्थानीय नगर निगम या नगर पालिकाएँ खाद्य गाड़ियां हटाने का निर्णय लेती हैं। वे ऐसा कर सकते हैं यदि वे शहर की सड़कों पर यातायात को बाधित कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री का यह स्पष्टीकरण स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा गुजरात के विभिन्न शहरों में सड़कों से मांसाहारी खाने की गाड़ियां हटाने की मांग की पृष्ठभूमि में आया है। अहमदाबाद में, भाजपा शासित नगर निगम ने सार्वजनिक सड़कों और स्कूलों और धार्मिक स्थलों से 100 मीटर की दूरी पर चलने वाले मांसाहारी भोजन के स्टालों को हटाने का फैसला किया है। सार्वजनिक जगहों से मांसाहारी खाने की गाड़ियां हटाने की मांग वडोदरा, राजकोट और द्वारका जैसे शहरों से भी हो रही है।
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