नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को मांग की कि नवरात्र उत्सव के दौरान गरबा और डांडिया कार्यक्रमों में प्रवेश की अनुमति पहचानपत्र की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए और गैर-हिंदुओं को आयोजन स्थलों में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। विहिप की विदर्भ इकाई ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार और नागपुर पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है। सोमवार से शुरू हुए देवी दुर्गा के नौ दिवसीय उत्सव के दौरान पारंपरिक गरबा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विहिप के विदर्भ क्षेत्र के सचिव गोविंद शेंदे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विदर्भ में विभिन्न संगठनों और मंडलों द्वारा कई गरबा और डांडिया कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां लड़कियां, महिलाएं और परिवार बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
शेंदे ने कहा कि गरबा और डांडिया केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आराधना का एक तरीका है और इनके आयोजन स्थलों पर अन्य धर्मों के लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रवेश से पहले लोगों के आधार कार्ड की जांच की जानी चाहिए और आयोजन स्थलों पर सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए, क्योंकि इन आयोजनों के दौरान कई असामाजिक तत्व मौजूद होते हैं। शेंदे ने आरोप लगाया कि ‘‘लव जिहाद’’ के मामलों में वृद्धि हुई है और ऐसे उदाहरण गरबा और डांडिया कार्यक्रमों में भी देखे गए हैं। विहिप ने उत्सव के दौरान उचित उपाय करने के लिए मंडलों और कार्यक्रम के आयोजकों से भी संपर्क किया है।
ये भी देखें
टैक्स चोरी मामला: तत्काल कार्रवाई से अनिल अंबानी को कोर्ट ने दी राहत