बीबीसी की दिल्ली मुंबई के दफ्तरों में आज यानी बुधवार को भी सर्वे जारी है। मंगलवार को शुरू हुई इस कार्रवाई के 22 घंटे हो गए हैं। मंगलवार को आईटी के कर्मचारियों ने दफ्तर में काम करने वाले लोगों के फोन जब्त कर लिए थे और उन्हें घर भेज दिया गया था। हालांकि देर रात बताया गया कि आईटी कर्मचारियों ने फोन को वापस लौटा दिया। इस बीच इस मामले पर अमेरिका और ब्रिटेन ने भी प्रतिक्रिया दी है। दोनों देशों का कहना है कि वे फ्री प्रेस के हिमायती हैं।
पीएम मोदी के विवादित डाक्यूमेंट्री बनाने के बाद बीबीसी के दिल्ली मुंबई के ऑफिस पर मारे गए छापे के बाद जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं, 22 घंटे से बीबीसी के ऑफिस में जांच जारी है। यह कार्रवाई इंटरनेशनल टैक्स को लेकर की जा रही है। अब इस मामले पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा कि भारत में बीबीसी दफ्तरों पर छापे की खबर से वे अवगत हैं। लेकिन अभी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं।
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि इस कार्रवाई पर सरकार की बारीकी से नजर रखी जा रही है। हालांकि, ब्रिटेन सरकार की इस रेड पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत में बीबीसी दफ्तरों की गई रेड की जानकारी है। लेकिन इस संबंध में कोई भी निर्णय देने की स्थिति में नहीं हैं। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए भारतीय कर्मचारियों से सम्पर्क किया जाना चाहिए।
ब्रिटेन सरकार ने इस कार्रवाई पर निगाहें लगाए हुए है। लेकिन सरकार का अभी तक कोईआधिकारिक बयान नहीं आया। वहीं आईटी अधिकारियों ने कुछ बीबीसी कर्मचारियों को जांच में सहयोग करने को कहा है। इन कर्मचारियों के से कहा गया है कि दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों में उपस्थित होकर सहयोग करें। इधर इस कार्रवाई पर राजनीतिक दल मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं। विपक्ष ने इस कार्रवाई की टाइमिंग पर सवाल उठाया है।
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