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Saturday, November 23, 2024
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हमें एक महान भारत के निर्माण के लिए विचारों के कैनवास की आवश्यकता ​- ​मोदी

संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू हुआ| इस सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सेंट्रल हॉल से सांसदों को संबोधित किया| इससे पहले पुरानी संसद में फोटो सेशन भी हुआ| नई संसद में आज से कामकाज शुरू हो जाएगा|

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आज हम पुरानी संसद को अलविदा कहते हैं। लेकिन इस इमारत का इतिहास काफी पुराना है|सेंट्रल हॉल उस घटना का गवाह है जब भारत आजाद हुआ था। इस सेंट्रल हॉल में भारत के तिरंगे और भारत के राष्ट्रगान को अपनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये हॉल, ये इमारत कई ऐतिहासिक घटनाओं की गवाह रही है| संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू हुआ| इस सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सेंट्रल हॉल से सांसदों को संबोधित किया| इससे पहले पुरानी संसद में फोटो सेशन भी हुआ| नई संसद में आज से कामकाज शुरू हो जाएगा| इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भाषण दिया, उसमें उन्होंने सेंट्रल हॉल के इतिहास और अब तक बने सभी कानूनों पर टिप्पणी की|

1952 के बाद विश्व के लगभग 41 राष्ट्रपति इस सेंट्रल हॉल में आ चुके हैं और माननीय सांसदों को संबोधित कर चुके हैं। हमारे राष्ट्रपति अब तक इस हॉल में 86 बार संबोधित कर चुके हैं। लोकसभा और राज्यसभा अब तक चार हजार से ज्यादा कानून पारित कर चुकी हैं। तीन सत्रों के अलावा अन्य सत्रों में भी कानून पारित किये गये| आतंकवाद विरोधी अधिनियम, दहेज विरोधी अधिनियम,मुसलमानों को जो न्याय चाहिए था, हमने शाहबानो मामले में जो गलतियाँ हुई थीं, उन्हें सुधारा। हमने तीन तलाक विरोधी कानून पारित किया।

हम अपने देश में ट्रांसजेंडर्स के लिए भी कानून लेकर आये| हमने कदम उठाए हैं ताकि उन्हें सम्मान मिले, नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिले। हमने दिव्यांगों के उज्जवल भविष्य के लिए कानून बनाए। धारा 370 से लेकर ऐसे कई फैसले हमने लिए। यह स्वीकार करना होगा कि इस हॉल में आक्रोश और चिंता व्यक्त की गई। लेकिन मोदी ने यह भी कहा है कि अलगाववाद और आतंकवाद से लड़ने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाना बहुत जरूरी है|

जम्मू-कश्मीर आज शांति और विकास के पथ के लिए प्रतिबद्ध है। वे आगे बढ़ने के लिए एक भी पल चूकना नहीं चाहते| संसद सदस्य देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। जैसा कि मैंने लाल किले से कहा, यह सही समय है। एक के बाद एक घटनाओं को देखिए, हर घटना इस बात की गवाह है कि भारत आज एक नई चेतना के साथ जाग चुका है। ये देश नई ऊर्जा से भरपूर हो गया है| हम देख सकते हैं कि यही चेतना, यही ऊर्जा देश के करोड़ों लोगों के सपनों को पूरा कर सकती है, ऐसा यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।

आज देश जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है उसका फल देश को जरूर मिलेगा। हम जितनी तेजी से काम करेंगे, परिणाम उतने ही तेज होंगे। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं लेकिन हम शीर्ष तीन में रहना चाहते हैं, हम उस ओर बढ़ रहे हैं। मैं आपको पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हममें से कुछ लोग निराश होंगे लेकिन दुनिया को भरोसा है कि भारत अर्थव्यवस्था के मामले में शीर्ष तीन देशों में शामिल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर दुनिया में सकारात्मक चर्चा का केंद्र बन गया है|

क्या आप एक छोटे कैनवास पर एक बड़ा चित्र बना सकते हैं? तो नहीं|इसी प्रकार, यदि हम अपने विचारों के कैनवास का विस्तार नहीं करेंगे, तो हम एक भव्य भारत की तस्वीर कैसे बनाएंगे? हमारे पास 75 साल का अनुभव है. जो रास्ते हमारे पूर्वजों ने हमें दिखाए हैं। हमने इससे बहुत कुछ सीखा है| हमारी परंपरा वह है जो हमने अपने अनुभवों से प्राप्त की है। इसी परंपरा से जुड़कर अब हमें अपना दायरा व्यापक करना है।
हम आने वाली पीढ़ी को भव्य भारत का उपहार दे सकते हैं। अब हमें बड़े कैनवास पर काम करना है| आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हर कदम उठाना चाहिए| इसके लिए हमें छोटी-छोटी चीजों को पीछे छोड़ना होगा।’ जब मैंने आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पेश की तो कई लोगों को लगा कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं? क्या ये सचमुच संभव है? लेकिन पांच साल के अंदर ही आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा दुनिया में चर्चा में है| ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कही|
 
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