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हिंदू मंदिर अन्य धर्मियों को नौकरी नहीं देंगे: मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू; मंदिर के अर्चक कों मिलेगा वेतन

बैठक के दौरान जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल प्रशासन से हिंदू मंदिरों पर हुए लक्ष्यपूर्वक हमलों की कड़ी निंदा की है। मंदिर का रथ जलाए जाने की घटना पर भी तीव्र निषेध व्यक्त किया है।

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हिंदू मंदिरों में अन्य धर्मियों की घुसपैठ एवं मंदिर परिसर पर अतिक्रमण को लेकर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने अहम् फैसले लिए है। आंध्रप्रदेश में हो रहें जबरन धर्मांतरण रोकने,साथ ही हिंदू पवित्र स्थलों में अध्यात्म की रक्षा हेतु मुख्यमंत्री ने हिंदू रिलिजियस एंडोवमेंट डिपार्टमेंट के साथ बैठक की।

अमरावती के सचिवालय में हुई इस बैठक में हिंदू रिलिजियस एंडोवमेंट विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ हिंदू मंदिरों की रक्षा एवं संचालन के साथ ही मंदिरों का पुनरुज्जीवन, राज्य में धार्मिक पर्यटन की वृद्धि आंध्रप्रदेश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अखंडता इन विषयों पर विस्तृत योजना का विचार किया गया है। दरम्यान धार्मिक स्थलों की स्वच्छता और भाविकों के आध्यात्मिक अनुभव पर सीएम चंद्राबाबू ने जोर दिया है।

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बैठक के दौरान जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल प्रशासन से हिंदू मंदिरों पर हुए लक्ष्यपूर्वक हमलों की कड़ी निंदा की है। मंदिर का रथ जलाए जाने की घटना पर भी तीव्र निषेध व्यक्त किया है। बैठक के दरम्यान हिंदू धर्मियों का जबरन धर्मांतरण करने वालों पर कठोर कारवाई के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए है। साथ ही राज्य के मंदिरों में धार्मिक आस्था के संरक्षण हेतु मंदिरों अन्य धर्मियों को नौकरी न देने का निर्णय भी लिया है।

बैठक के दौरान महत्वपूर्ण फैसलों में साल भर में 20 करोड़ से अधिक उत्पन्न के मंदिरों में विश्वस्तों की संख्या 15 से बढाकर 17 की है। साथ ही इन अतिरिक्त सदस्यों में एक मंदिर के ब्राम्हण और दूसरे नए नियुक्त ब्राम्हण का समावेश होगा, जिससे मंदिर व्यवस्थापन अधिक समावेशक होगा।

मंदिर के पुजारी और अन्य कर्मचारी कल्याण के लिए प्रतिमाह वेतन 10000 को 15000 करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य के 1683 पुजारियों के वेतन में वृद्धी हुई है। इसके आलावा विधी अर्पण सामग्री के लिए निधी को भी दोगुना किया गया है। मंदिर के नैवेद्य और प्रसादाम की गुणवत्ता को सुधारने और भक्तों के आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर करने पर विशेष लक्ष देने के लिए कहा है।

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