प्रशांत कारुलकर
कल देश के इतिहास में एक सुनहरा दिन दर्ज हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल, अटल बिहारी वाजपेयी सीवरी-नहावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन किया। 21.8 किलोमीटर लंबा यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है बल्कि देश की आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
महाराष्ट्र की आर्थिक नगरी मुंबई और तेजी से विकसित हो रहे नवी मुंबई को जोड़ने वाला यह पुल कई आयामों पर अर्थव्यवस्था को गति देगा:
1. कनेक्टिविटी का बूस्टर डोज: अब मुंबई से नवी मुंबई की यात्रा मात्र 20 मिनट में सपने की तरह पूरी होगी। इससे परिवहन का समय और लागत दोनों ही कम होंगे। मुंबई एयरपोर्ट और नवी मुंबई एयरपोर्ट के बीच आवागमन सुगम होगा। पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को नई रफ्तार मिलेगी।
2. व्यापार और उद्योगों को बल: नवी मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी। इससे निर्यात-आयात कार्यों में तेजी आएगी और नए उद्योगों को स्थापित करने का आकर्षण बढ़ेगा। इससे रोजगार के नए अवसर भी आएंगे।
3. रियल एस्टेट को उफान: बेहतर कनेक्टिविटी के चलते नवी मुंबई में आवासीय और व्यावसायिक रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी आएगी। इससे सस्ते आवास का विकल्प बढ़ेगा और राज्य को राजस्व भी प्राप्त होगा।
4. पर्यटन को पंख: मुंबई से अलीबाग, लोनावला और पंचगनी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान होगी। इससे पर्यटन उद्योग को नई जान मिलेगी और महाराष्ट्र के राजस्व में वृद्धि होगी।
5. समग्र विकास की उम्मीद: पुल महाराष्ट्र के केवल एक क्षेत्र को लाभ नहीं पहुंचाएगा बल्कि समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। कनेक्टिविटी के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास का दायरा बढ़ेगा।
अटल सेतु न केवल एक पुल बल्कि देश के विकास का साक्षी है। यह महाराष्ट्र और भारत की अर्थव्यवस्था में एक नया अध्याय लिखेगा और आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे देश को महसूस होगा।
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