प्रशांत कारुलकर
दिसंबर के आखिरी पड़ाव में भारत में Covid मामलों में फिर से तेजी देखी जा रही है. ये बढ़ते मामले खबरिया नहीं, बल्कि चिंता का विषय बन गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि नए वेरिएंट और लापरवाही से संक्रमण फैल रहा है, जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है.
पिछले दो बरसों के कोविड दौर की याद अभी लोगों के जेहन में ताजा है. लॉकडाउन और पाबंदियों ने कारोबारों को ठप कर दिया था, नौकरियां गईं और आमदनी पर भारी असर पड़ा था. हालांकि, धीरे-धीरे हालात सुधरते दिख रहे थे, ऐसे में कोविड की वापसी आशंकाओं को बढ़ा रही है.
मुख्य चिंता यह है कि बाजारों में फिर से सन्नाटा छा सकता है. मांग में कमी से कारोबार प्रभावित होंगे. पर्यटन, हवाई यात्रा और होटल उद्योग पहले से पस्त हैं, नए मामलों से उनकी परेशानी और बढ़ सकती है. सरकार पर स्वास्थ्य सुरक्षा खर्च का बोझ भी बढ़ सकता है. अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, दवाओं की किल्लत और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दबाव बढ़ने का खतरा है. इससे सरकार के पास अन्य विकास कार्यों के लिए फंड कम पड़ सकता है.
लेकिन, मोदी सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह हर जरूरी कदम उठाएगी. टेस्टिंग बढ़ाने, वैक्सीनेशन अभियान तेज करने और कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है. उम्मीद है कि इन उपायों से कोविड की रफ्तार को कम किया जा सके और अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखा जा सके.
अगर 2024 में कोविड फिर से उभरा, तो क्या सरकार तैयार है? इस सवाल का जवाब अभी देना मुश्किल है. सरकार ने पिछले अनुभवों से सबक सीखे हैं और अपनी आर्थिक रणनीति में लचीलापन लाने की कोशिश कर रही है.
एक तो, कल्याणकारी योजनाओं जैसे मनरेगा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को जारी रखने की बात कही जा रही है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. साथ ही, छोटे और मध्यम उद्योगों को सहायता देने के लिए भी सरकार योजनाएं बना रही है.
दूसरा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन और वर्क फ्रॉम होम का इस्तेमाल बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने में मदद मिलेगी.
यह ध्यान रखना जरूरी है कि 2024 में स्थिति कैसी होगी, इसका अभी अनुमान लगाना कठिन है. लेकिन, संकट से निपटने की बेहतर तैयारी के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं. उम्मीद है कि सरकार और जनता के मिलकर किए गए प्रयासों से आने वाली किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकेगा और आर्थिक विकास की गति को रफ्तार दी जा सकेगी.
ये भी पढ़ें